आखिर हमारी शिक्षा प्रणाली युवाओं को किधर ले जा रही है?

आखिर हमारी शिक्षा प्रणाली युवाओं को किधर ले जा रही है?
समाज को समृद्ध और खुशहाल बनाने वाली शिक्षा की जरुरत।
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18 अप्रैल को अजमेर के क्रॉस लेन होटल में आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी जयपुर की ओर से मौजूदा शिक्षा प्रणाली को लेकर एक सेमिनार आयोजित की गई। इस सेमिनार में मेरे साथ-साथ जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा, डॉ. गगन मोहन खंडूरी, अभिषेक महावर, डॉ. पूनम पांडे के साथ-साथ यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ. राजेश कोठारी ने भी अपने विचार रखे। मेरा कहना रहा कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली किसी भी तरह युवाओं के ाहित में नहीं है। हम डिग्री तो हासिल कर रहे हैं, लेकिन रोजगार उपलब्ध नहीं है। मौजूदा शिक्षा प्रणाली से सामाजिक विसंगतियां भी सामने आ रही है। जो युवा अपने घर से उच्च शिक्षा के लिए महानगरों में जाता है, वह दोबारा से अपने घर परिवार में नहीं लौट पाता। कोटा जैसे कोचिंग शहरों में तो आए दिन युवा आत्महत्या कर रहे हैं। अभिभावक बड़े अरमान से अपने बच्चों को शिक्षा दिलाते हैं, लेकिन बहुत कम बच्चे ही नौकरी प्राप्त कर अपने घर परिवार को खुशहाल बनाते हैं। हमें युवाओं को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए जिसमें समाज समृद्ध और खुशहाल बने। जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा ने कहा कि शिक्षित युवाओं की भीड़ इकट्ठी करने के बजाए युवाओं को रोजगार उपलब्ध करावाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासक शिक्षा की जो विरासत हमें दे गए, हम आज भी उसी पर चल रहे हैं। कलेक्टर ने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन में युवाओं को शुरू से ही उनकी मर्जी के अनुरूप शिक्षा उपलब्ध करवाई जाती है। यही वजह है कि आज चीन के विकास में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। सेमिनार में डॉ. गगन मोहन खंडूरी ने कहा कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली में अमुल-चूल परिवर्तन की जरुरत है। हमें किताबी शिक्षा के साथ साथ युवाओं को नैतिक शिक्षा भी देनी चाहिए। इसके लिए सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं रहना चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले में खड़ा करने के लिए सरकार ने बहुत कार्य किए हैं। सेमिनार में डॉ. पूनम पांडे ने कहा कि जब तक हम युवाओं को रोजगार उपलब्ध नहीं करवाऐं तब तक शिक्षा का महत्व नहीं है। सेमिनार में यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ. राजेश कोठारी ने यूनिवर्सिटी में चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों का परिचय देते हुए बतलाया कि हमारी यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम समाज तथा उद्योगजगत की लगातार बढ़ती हुईआवश्यकताओं और अपेक्षा के अनुरूप बनाए गए हैं। हमारी यूनिवर्सिटी का मुख्य ध्येय ऐसे विद्यार्थी निर्मित करना है, जो ज्ञानी होने के साथ साथ अच्छे मानव भी बनें। इस हेतु उन्हें इस प्रकार की शिक्षा दी जाती है जिसमें उनको हमारी सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक मूल्यों, खेलकूद एवं शिक्षणेत्तर गतिविधियों  के द्वारा भी व्यक्तितत्व विकास किया जा रहा है। वर्तमान में यूनिवर्सिटी में बीटेक, बीबीए, बीएससी ऑनर्स, एलएलबी, एमबीए तथा पाठ्यक्रम संचालित हैं तथा इस सत्र से एमसीए और एमटेक भी ऐड किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी में उच्चकोटि की व्यवस्थाएं हैं। डॉ. कोठारी ने अभिभावकों से कहा कि वे स्वयं यूनिवर्सिटी आकर इन सुविधाओं का निरीक्षण कर अपने बच्चों के लिए उचित पाठ्यक्रम का चुनाव कर सकते हैं। सेमिनार के सन्वयक सागर कूकरेती रहे।
एस.पी.मित्तल) (18-04-19)
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