तो रिजु झुनझुनवाला ने अपने दम पर लड़ा अजमेर से लोकसभा का चुनाव।
पूरे पृष्ठ के विज्ञापन में राहुल, गहलोत, पायलट आदि के फोटो से भी परहेज।
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अजमेर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला ने मतदान वाले दिन 29 अप्रैल को प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में पूरे पृष्ठ का रंगीन विज्ञापन प्रकाशित करवाया है। रिजु की ओर से जारी इस विज्ञान यही दर्शाया गया है कि लोकसभा का चुनाव उन्होंने अपने दम पर लड़ा है। उनका दावा रहा कि प्रचार के दौरान अजमेर के लोगों ने दिल से अपनाया है। यदि अजमेर के लोगों ने सांसद बनाया तो वे बिना भेदभाव के विकास कार्य करवाएंगे। औद्योगिक विकास के साथ साथ पानी की समस्या को भी दूर करेंगे। रिजु तीन हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा के कारोबारी हैं, इसलिए भरोसा दिलाया है कि जिस प्रकार अपना कारोबार संभाला है उसी प्रकार राजनीति में स्वाच्छता और प्रगति की नईमिसाल कायम करेंगे। इस विज्ञापन में स्वयं के फोटो के साथ-साथ कांग्रेस के चुनाव चिह्न का तो उपयोग किया गया है, लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आदि बड़े नेताओं के फोटो से परहेज किया गया है। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा रिजु को टिकट दिलवाने का दावा करते हों, लेकिन रिजु ने रघु का नाम तक नहीं लिखवाया। राहुल गांधी न्याय योजना में 72 हजार रुपए सालाना देने का वायदा कर वोट मांग रहे हैं तो मुख्यमंत्री गहलोत अपनी सरकार की तीन माह की उपलिब्धयां गिना रहे हैं। लेकिन रिजु ने अपने विज्ञापन में न तो राहुल की न्याय योजना का जिक्र किया और न ही गहलोत सरकार की उपलब्धियां बताईं। सवाल उठता है कि जब रिजु कांग्रेस के प्रत्याशी हैं तो पूरे पृष्ठ के विज्ञापान में पार्टी के बड़े नेताओं के फोटो और वायदों का उल्लेख क्यों नहीं कर रहे? क्या रिजु को अपनी ही पार्टी पर भरोसा नहीं है? मतदान वाले दिन रिजु अजमेर के मतदाताओं को सिर्फ अपना चेहरा ही क्यों दिखाना चाहते हैं? क्या रिजु को राहुल गांधी जैसे बड़े नेता के चेहरे पर भरोसा नहीं है? इस विज्ञापन के पीछे रिजु के अपने तर्क हो सकते हैं, लेकिन रिजु का यह विज्ञापन कांग्रेस में ही चर्चा का विषय बना हुआ है।
खुद के लिए नहीं डाल सके वोट:
अजमेर के मतदाताओं से तो रिजु वोट मांग रहे हैं, लेकिन 29 अप्रैल को रिजु ने स्वयं को वोट नहीं दिया। रिजु ने अपना वोट भीलवाड़ा में डाला। असल में रिजु भीलवाड़ा के ही रहने वाले हैं, इसलिए अजमेर की मतदाता सूची में उनका नाम नहीं है। इसे रिजु का आत्म विश्वास ही कहा जाएगा कि मतदाता सूची में नाम तक नहीं होने पर भी अजमेर में सिर्फ अपने दम पर वोट मांग रहे हैं। यानि पिछले एक माह में रिजु ने अपनी इतनी पहचान बना ली कि अब किसी ओर चेहरे के सहारे की जरुरत नहीं है। यदि रिजु को फोटो मदद की जरुरत होती तो पूरे पृष्ठ के विज्ञापन में कम से कम राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का तो फोटो लगवाते।