केजरीवाल के बाद उमर अब्दुल्ला ने भी माना कि भाजपा की जीत के लिए कांग्रेस जिम्मेदार।

केजरीवाल के बाद उमर अब्दुल्ला ने भी माना कि भाजपा की जीत के लिए कांग्रेस जिम्मेदार। माया-अखिलेश ने भी जताया गुस्सा।
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दो मई को जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को वॉक ओवर दे दिया है। घाटी की छह में से चार सीटों पर कांग्रेस-भाजपा को टक्कर दे सकती थी, लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने ऐसा नहीं किया। प्रचार के लिए भाजपा की ओर से जहां पीएम मोदी और अमितशाह जैसे दिग्गज आए वहीं कांग्रेस की ओर से कोई बड़ा नेता नहीं आया। ट्वीट से प्रतीत होता है कि 23 मई को मतगणना से पहले ही उमर ने भाजपा की स्थिति को मजबूत मान लिया है। इससे यह भी पता चलता है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच रिश्ते खराब हैं। उमर यह भी दर्शाना चाहते हैं कि कांग्रेस की नीतियों की वजह से भाजपा की जीत हो रही है।
केजरीवाल ने भी दिया था बयान:
आम आदमी पार्टी का जब दिल्ली और हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हुआ था, तब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कहा था कि कांग्रेस और राहुल गांधी तो भाजपा को हराना ही नहीं चाहते हैं। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा को तभी हराया जा सकता है जब विपक्ष के वोट एकजुट हों। मालूम हो कि केजरीवाल और कांग्रेस में गठबंधन नहीं हो सका है, ऐसे माना जा रहा है कि दिल्ली की सभी सात सीटों पर भाजपा मजबूत स्थिति में है।
माया-अखिलेश भी नाराज:
यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी से नाराज हैं। अखिलेश ने माना कि यूपी में कांग्रेस तो भाजपा का मुकाबला करने की स्थिति में ही नहीं हंै। कोई भी दल सिर्फ वोट काटने के लिए अपने उम्मीदवार खड़ा नहीं करता है। अखिलेश ने यह बात उस बयान पर कही जिसमें प्रियंका गांधी ने कहा था कि यूपी में जहां कांग्रेस के उम्मीदवार कमजोर है, वहां हम भाजपा के वोट काटेंगे। दो मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने भाजपा और कांग्रेस को एक ही थाली के चट्टे -बट्टे बताते हुए कांगे्रस पर जम कर हमला बोला। माया ने कहा कि कांग्रेस को वोट देने का मतलब है भाजपा को जीताना। यूपी में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है। इसलिए सपा-बसपा के गठबंधन को वोट दें। कांग्रेस के नेता अब संसद में मुलायम सिंह यादव के आशीर्वाद को मुद्दा बना रहे हैं। मुलायम तो पक्की (अधिक) उम्र है, लेकिन राहुल गांधी तो अभी युवा हैं फिर भी संसद में नरेन्द्र मोदी को गले लगा रहे हैं। मुलायम तो कहना कुछ चाहते थे, लेकिन उनके मुंह से मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद निकल गया।
क्या होंगे चुनाव के बाद हालात:
कांग्रेस सहित विपक्षी दल कह रहे हैं कि 23 मई के बाद देश में नया प्रधानमंत्री होगा। सवाल उठता है कि जब चुनाव के दौरान ही विपक्षी दलों के नेताओं का यह हाल है तो फिर चुनाव के बाद क्या हाल होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है। यदि किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता तो राजनीतिक अस्थिरता हो जाएगी।
एस.पी.मित्तल) (02-05-19)
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