गुलाब कोठारी प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक।
गहलोत सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत।
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7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जो मास्टर प्लान और अवैध निर्माणों को हटाने को लेकर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को राजस्थान सरकार की विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट की इस कार्यवाही को राज्य की अशोक गहलोत सरकार की सफलता माना जा रहा है। हाईकोर्ट के 12 जनवरी 2017 के आदेश के बाद प्रदेशभर में अवैध निर्माणों को तोडऩे और सीज करनी की कार्यवाही हो रही थी। चूंकि इस आदेश में मास्टर प्लान को सख्ती से लागू करने और अवैध निर्माणों को नियमित नहीं करने को लेकर निर्देश दिए गए थे, इसलिए प्रदेश भर के स्थानीय निकायों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। प्रदेश के अवैध निर्माणों को लेकर राजस्थान पत्रिका के सम्पादक गुलाब कोठारी ने हाईकोर्ट का ध्यान आकर्षित किया था। इसलिए प्रदेशभर में यह मुकदमा गुलाब कोठारी प्रकरण के नाम से चर्चित हुआ। चूंकि पिछली भाजपा सरकार से मतभेद के चलते हुए पत्रिका के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी अपने पक्ष पर कायम रहे इसलिए सरकार को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल पाई। हालांकि अभी भी हाईकोर्ट में यह प्रकरण विचाराधीन है। भाजपा सरकार के समय भी सुप्रीम कोर्ट में कई बार याचिकाएं दायर की गई, लेकिन सरकार को सफलता नहीं मिली। लेकिन अब अशोक गहलोत की सरकार बनने के बाद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने अब हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है इसलिए माना जा रहा है कि प्रदेश में मास्टर प्लान और अन्य समस्याओं का समाधान हो सकेगा। इससे उन लोगों को भी राहत मिलेगी जिन्होंने अपने भवनों के मानचित्र स्वीकृत होने के लिए स्थानीय निकायों में प्रस्तुत कर रखे हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004 से लंबित चल रहे गुलाब कोठारी प्रकरण में हाईकोर्ट ने 12 जनवरी 2017 को 34 बिंदुओं का विस्तृत आदेश दिया था। इसके तहत स्वायत्त शासन विभाग, नगरीय विकास विभाग और संबंधित विभागों को मास्टर प्लान की कठोरता से पालना करने, अवैध निर्माण नियमित नहीं करने और इकोलोजिकल जोन व ग्रीन एरिया आदि पुराने मास्टर प्लान के अनुसार रखने सहित कई प्रकार की हिदायतें दी गई थी।