सीएम अशोक गहलोत बताएं की उन्हें अलवर गैंगरेप की जानकारी कब मिली?
क्या सरकार का खुफिया तंत्र फेल हो गया है?
गहलोत सच्चे गांधी वादी हैं तो इस्तीफा दें-किरोड़ी मीणा।
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8 मई को राजस्थान भर में बहुचर्चित अलवर गैंगरेप कांड के विरोध में प्रदर्शन हुआ। अलवर से लेकर जयपुर तक की सड़कों पर हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। नाराज लोग फरार बलात्कारियों की शीघ्र गिरफ्तारी दोषी पुलिस अधिकारियों पर मुकदमा तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इस बीच यह सवाल अहम हो गया है कि गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गैंगरेप कांड की सूचना कब मिली? असल में राज्य सरकार के अधीन पूरा खुफिया तंत्र होता है जो छोटी से छोटी जानकारी निर्धारित चैनल के जरिए सरकार तक पहुंचाता है। आरोप लग रहा है कि खुफिया तंत्र ने तो गैंगरेप की जानकारी सरकार को पहले ही दे दी थी, लेकिन राजस्थान में 29 अप्रैल और 6 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस कांड को 6 मई तक दबाए रखा गया। कांग्रेस को चुनाव में नुकसान न हो, इसलिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कांड को दबाए रखने में भूमिका निभाई। ऐसे आरोपों के मद्देनजर ही सीएम गहलोत को अब यह बताना चाहिए कि उन्हें गैंगरेप कांड की जानकारी कब मिली थी। अलवर के थानागाजी क्षेत्र में गैंगरेप की वारदात 26 अप्रैल की है। पीडि़ता और उसका पति लगातार थाने के चक्कर काटता रहा है, लेकिन चुनाव का बहाना कर पुलिस ने रिपोर्ट तक नहीं लिखी। ऐसा नहीं हो सकता कि जो पति-पत्नी थाने के चक्कर काट रहे हों, उस कांड की जानकारी खुफिया तंत्र को न हो। यदि सूचना मिलने के बाद भी सरकार के स्तर पर इस शर्मनाक घटना को दबाए रखा गया तो यह बहुत ही निंदनीय बात है। हालांकि सरकार ने अब अलवर के एसपी राजीव पचार को एपीओ तथा थानागाजी के थानाधिकारी को निलंबित कर दिया है, लेकिन अभी तक भी पांच बलात्कारियों में से तीन गिरफ्तार नहीं हुए हैं। पुलिस की लापरवाही की वजह से ही अपराधियों को भागने में सफलता मिली है। जो सीएम अशोक गहलोत स्वयं को संवेदनशील होने का दावा करते हैं यदि उनके स्तर पर ही इस तरह मामले को दबाया जाए तो फिर पूरी सरकार पर सवालिया निशान लगता है।
गहलोत इस्तीफा दें-मीणा:
भाजपा के सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने कहा है कि यदि अशोक गहलोत सच्चे गांधी वादी हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि गैंगरेप की घटना को लेकर प्रदेश भर में आक्रोश है। 11 मई को अलवर में बड़ा धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
बलात्कारियों को फांसी हो-पीडि़ता:
गैंगरेप की शिकार पीडि़ता ने कहा है कि पांचों बलात्कारियों को जल्द से जल्द फांसी मिलनी चाहिए। पीडि़ता ने कहा कि आरोपियों ने न केवल बारी बारी से बलात्कार किया बल्कि अश्लील वीडियो भी बनाया। हम रिपोर्ट लिखने के लिए थाने के चक्कर काटते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां यह उल्लेखनीय है कि 26 अप्रैल की वारदात की रिपोर्ट पुलिस ने चार मई को लिखी है। गत विधानसभा चुनाव में सुशासन देने का वायदा कर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, लेकिन अब ऐसे दावों की पोल खुल रही है।