बूंद बूंद पानी को तरस रहा है हिन्दुओं की आस्था का केन्द्र पुष्कर सरोवर।
4-7 दिन में अजमेर में पेयजल की सप्लाई।
पर रिजु झुनझुनवाला तो सांसद बनने पर ही अजमेर आएंगे।
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अजमेर संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के लिए 29 अप्रैल को मतदान हुआ था। 9 अप्रैल को कांग्रेस प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला ने नामांकन दाखिल किया। कोई बीस दिनों तक के अपने प्रचार में रिजु ने दो प्रमुख वायदे किए। एक पेयजल की समस्या का समाधान और दूसरा अजमेर में औद्योगिक क्रांति। रिजु का कहना रहा कि अब वे अजमेर से जुड़ गए हैं। इसलिए पीछे नहीं हटेंगे। 29 अप्रैल को मतदान के बाद 30 अप्रैल को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिजु ने कहा कि वे अजमेर के लोगों की सेवा के लिए तत्पर है। रिजु ने अजमेर से जुडऩे की बात इसलिए कही क्योंकि उन्होंने भीलवाड़ा से आकर चुनाव लड़ा था। रिजु प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात मानने को तैयार नहीं थे कि चुनाव हार जाएंगे। रिजु ने कहा कि मैं सौ प्रतिशत तौर पर चुनाव जीतूंगा और अजमेर की सेवा करुंगा। सवाल उठता है कि जब जीत पर इतना ही भरोसा है तो फिर अजमेर के लोगों की समस्याओं का समाधान रिजु क्यों नहीं करवाते? सब जानते हैं कि रिजु ने 29 अप्रैल को मतदान के बाद ही अजमेर छोड़ दिया। 30 अप्रैल की प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद रिजु अजमेर नहीं आए हैं। जबकि हिन्दुओं की आस्था का केन्द्र पुष्कर सरोवर बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहा है। पुष्कर के सामाजिक कार्यकतर्का अरुण पाराशर ने कहा कि भीषण गर्मी में सरोवर का जल स्तर तीन फिट रह गया है। ट्यूब वेल के जरिए सरोवर के कुंडों में जो पानी डाला जा राहा है, वह ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत चरितार्थ कर रहा है। पानी में ऑक्सीजन के अभाव में मछलियां भी मरने लगी हैं। श्रद्धालु तो सरोवर में आचमन भी नहीं कर पा रहे हैं। बदबूदार पानी होने की वजह से श्रद्धालु स्नान भी नहीं कर रहे। पाराशर ने इस बात पर अफसोस जताया कि बूढ़ा पुष्कर सरोवर से मुख्य सरोवर में पानी डालने संबंधित जो योजना बताई थी, उस पर अजमेर के कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है।
पेयजल की किल्लत:
अजमेर जिले के शहरी क्षेत्रों में चार दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में सात दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई मात्र 45 मिनट के लिए हो रही है। इससे भीषण गर्मी में लोगों की पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है। रिजु ने चुनाव में दावा किया था कि भीलवाड़ा से चम्बल नदी का पानी अजमेर लाया जाएगा। सवाल उठता है कि जब अजमेर में इतनी परेशानी हो रही है तो फिर रिजु झुनझुनवाला कहां चले गए हैं? क्या सांसद बनने पर ही अजमेर की सेवा करेंगे। सांसद तो सचिन पायलट और रघु शर्मा भी बने थे। ये दोनों कितनी बार अजमेर आए, सब जानते हैं। भाजपा के सांसद सांवरलाल जाट तो अजमेर के ही थे, लेकिन पेयजल की समस्या का समाधान नहीं हो पाया। मतदान के बाद से ही अजमेर से बाहर रहने से पता चलता है कि नेता एक से होते हैं। यदि रिजु राजनीति में अलग हटकर नेता होते तो मतदान के बाद अजमेर में ही रह कर प्यासे लोगों की मदद करते। यदि रिजु चुनाव हार गए तो वापस भीलवाड़ा लौट जाएंगे। भीलवाड़ा में रिजु का करोड़ों का कारोबार है।