तो अजमेर में रिलायंस का पेट्रोल पम्प भी आ सकता था आग की चपेट में।
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Sp mittal
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May 10, 2019
तो अजमेर में रिलायंस का पेट्रोल पम्प भी आ सकता था आग की चपेट में। पम्प पर चालीस हजार लीटर तेल का स्टॉक।
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10 मई की तड़के यदि अग्निशमन विभाग की तत्परता और क्षेत्रीय लोगों की जागरुकता नहीं होती तो अजमेर के श्रीनगर रोड स्थित रिलायंस का पेट्रोल पम्प भी आग की चपेट में आ सकता था। पम्प के मालिक एसपी सहगल का कहना रहा कि पम्प पर डीजल और पेट्रोल का चालीस हजार लीटर का स्टॉक था। पेट्रोल पम्प परिसर में ही होंडा के दुपहिया वाहन का शो रूम और मारुति कार का वर्कशॉप है। इस बिल्डिंग के निकट की सहारा अगराबत्ती बनाने का कारखाना भी है। दस मई की तड़के अगरबत्ती के कारखाने में ही शॉट सर्किट से आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। भीषण आग में सबसे बड़ा डर रिलायंस के पेट्रोल पम्प का था। अग्निकांड की जानकारी होते ही पम्प के मालिक सहगल तड़के तीन बजे मौके पर पहुंच गए। सहगल ने ही अग्निशमन विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी हबीब खान को बुलाया। खान स्वयं फायर ब्रिगेड के वाहन को चलाकर मौके पर पहुंचे। कोई 23 दमकलों के पानी से आग पर काबू पाया जा सका। अगरबत्ती के कारखाने के भवन में जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था, इसलिए आग बुझाने का सारा कार्य होंडा शोरूम और पेट्रोल पम्प परिसर से किया गया। सहारा अगरबत्ती के मालिक सुरेन्द्र कुमार खंडेलवाल ने बताया कि करीब पांच लाख रुपए की अगरबत्तियां जल कर राख हो गई है। अग्निकांड की वजह से पूरा भवन क्षतिग्रस्त हो गया है। हालांकि उन्होंने भवन और अगरबत्ती के स्टॉक का बीमा करवा रखा है। वहीं नगर निगम के अग्निशमन अधिकारी देवेन्द्र कुमार मीणा ने बताया कि सूचना मिलने पर सुबह पांच बजे वे भी मौके पर पहुंच गए। मीणा ने माना की रात को मोबाइल ऑफ होने की वजह से उन्हें सूचना नहीं मिली। लेकिन जब सूचना मिली तो पूरी तत्परता दिखाते हुए मौके पर मौजूद थे। जहां तक सेवानिवृत्त अधिकारी हबीब खान के द्वारा मोटर वाहन चलाकर मौके पर जाने का सवाल है तो मीणा ने कहा कि खान अभी भी अनुबंध पर नौकरी कर रहे हैं। ऐसे में उनका भी दायित्व बनता है कि वे आग बुझाने का काम करें। मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो कभी खराब भी हो सकता है। आग पर नियंत्रण पाने में पुलिस की भी सकारात्मक भूमिका नजर आई। क्षेत्रीय डीएसपी हर्षवर्धन सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गए। हर्षवर्धन की रणनीति की वजह से ही अगरबत्ती कारखाने के भवन की छत को तोड़ा गया ताकि अंदर पानी डाला जा सके। पुलिस की कार्यवाही की वजह से ही आग को एक भवन तक ही सीमित रखा गया।