अजमेर में पांच विधायकों वाले प्रतिनिधि मंडल का ज्ञापन संयुक्त निदेशक स्तर की अफसर ने लिया।
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Sp mittal
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May 13, 2019
अजमेर में पांच विधायकों वाले प्रतिनिधि मंडल का ज्ञापन संयुक्त निदेशक स्तर की अफसर ने लिया। यह है अलवर गैंगरेप कांड में सरकार की संवेदनशीलता।
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13 मई को अजमेर के सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता अलवर गैंगरेप कांड के विरोध में ज्ञापन देने के लिए संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचे, लेकिन कार्यालय में न तो संभागीय आयुक्त एलएन मीणा और न ही अतिरिक्त संभागीय आयुक्त मौजूद थे। हालांंकि शहर भाजपा के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा ने सुबह ही फोन कर मीणा को ज्ञापन और विरोध प्रदर्शन की जानकारी दे दी थी। मालूम हो कि अतिरिक्त संभागीय आयुक्त का पद रिक्त पड़ा हुआ है। ऐसे में सांख्यिकी शाखा की संयुक्त निदेशक रुद्रारेणू ने ही पांच विधायकों और भाजपा के दिग्गज नेताओं से ज्ञापन हांसिल कर लिया। भाजपा के पांच विधायकों में से तीन कालीचरण सराफ, श्रीमती अनिता भदेल और सुरेश रावत मंत्री रह चुके हैं। ज्ञापन देने वालों में विधायक शंकर सिंह रावत और रामस्वरूप लाम्बा भी थे। इसके साथ ही शहर अध्यक्ष हेड़ा व देहात जिला अध्यक्ष बीपी सारस्वत भी थे। सारस्वत का कहना है कि ज्ञापन लेने के लिए संभागीय आयुक्त मीणा को स्वयं उपस्थित रहना चाहिए था। यदि उन्हें कोई जरूरी कार्य था तो किसी वरिष्ठ अधिकारी को उपस्थित रखना चाहिए था। सारस्वत ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार अलवर गैंगरेप कांड पर संवेदनशील नहीं है। यही वजह है कि जनप्रतिनिधिसयों का भी सम्मान नहीं किया जा रहा है। एक ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सख्त कार्यवाही का दावा कर रहे हैं तो वहीं संभाग स्तर के अधिकारी संवेदनहीता दिखा रहे हैं। इससे सरकार की कथनी और करनी में अंतजर नजर आता है। सारस्वत ने कहा कि अलवर प्रकरण में सरकार को दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करना चाहिए। लेकिन सरकार अधिकारियों को बचा रही है। संभागीय आयुक्त कार्यालय पर विरोध जताने के लिए जिला प्रमुख वंदना नोगिया, महिला मोर्चे की अध्यक्ष सीमा गोस्वामी, पूर्व जिला प्रमुख सरिता गैना, विकास चौधरी, विमल कटियार सुरेन्द्र सिंह शेखावत, रोहित यादव, पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक, डिप्टी मेयर सम्पत सांखला, गोपाल बंजारा, पूर्व सांसद रासा सिंह रावत आदि शामिल थे।