राहुल गांधी की प्यार मोहब्बत की राजनीति पर एक बार फिर मणिशंकर अय्यर ने पानी फेरा। 

राहुल गांधी की प्यार मोहब्बत की राजनीति पर एक बार फिर मणिशंकर अय्यर ने पानी फेरा। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नीच कहने वाली टिप्पणी पर अभी कायम। 
आखिर कितने बदजुबान कांग्रेसियों को संभालेंगे राहुल। 
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14 मई को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के सलाहकार माने जाने वाले मणिशंकर अय्यर ने ऑन लाइन मैगजीन द प्रिंट पर एक लेख पोस्ट किया है। इस लेख में मणि ने कहा कि मैंने 2017 में प्रधानमंत्री मोदी पर नीच आदमी की जो टिप्पणी की थी, वह भविष्य की टिप्पणी थी। मैं आज भी अ पनी उस टिप्पणी को सही मानता हंू। मणि का यह लेख सामने आते ही भाजपा के नेताओं ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की प्यार मोहब्बत वाली राजनीति पर सवाल खड़े कर दिए। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों आईएनएस विराट युद्ध पोत को लेकर पूर्व पीएम राजीव गांधी पर जो टिप्पाण्ी की उसके जवाब में राहुल गांधी का कहना था कि मोदी जी भले ही मेरे पिता स्वर्गीय राजीव गांधी का कितना भी अपमान करें, लेकिन मैं प्यार मोहब्बत की ही बात करुंगा। मैं कभी भी मोदी जी के प्रति गुस्से का इजहार नहीं करुंगा। 13 मई को चुनावी सभाओं में भी राहुल गांधी ने कहा कि 1984 में सिक्ख विरोधी घटनाओं पर सैम पित्रोदा ने जो टिप्पणी की है उसको लेकर मैंने फटकार लगाई है। मैंने सैम पित्रोदा को यहां तक कहा कि ऐसे बयान पर आपको शर्म आनी चाहिए। हालांकि राहुल की फटकार के बाद सैम ने माफी मांग ली है। सैम का मामला शांत होता इससे पहले ही मणि की टिप्पणी सामने आ गई है। इस बार मणि का बचाव करना राहुल गांधी के लिए भी मुश्किल होगा, क्योंकि 2017 में राहुल की फटकार के बाद मणि ने भी माफी मांग ली थी। माफी मांगने के बाद भी दो वर्ष बाद यदि मणि अपनी उसी टिप्पणी को दोहराते हैं जो जाहिर कि माफी तो दिखावा है। हो सकता है कि लोकसभा चुनाव के बाद सैम पित्रोदा भी सिक्ख विरोधी घटनाओं पर अपनी टिप्पणी को दोहरा दें। इसमें कोई दो राय नहीं कि राहुल गांधी अपनी समझ से पूरी मेहनत कर नरेन्द्र मोदी का मुकाबला कर रहे हैं, लेकिन राहुल के प्रयासों पर सैम और मणि की टिप्पणियां पानी फेर देती हैं। नरेन्द्र मोदी तो पहले ही कह रहे है कि कांग्रेस के नेताओं की ऐसी बातें सिर्फ राजनीतिक टिप्पणी नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस की सोच है। कांग्रेस के नेता मुझे नीच आदमी कहते हैं और 1984 के सिक्ख विरोधी दंगे को हुआ तो हुआ कहने से नहीं चूकते। सैम ने जो टिप्पणी की उसका नुकसान कांग्रेस को लोकसभा के छठे चरण के चुनाव में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में उठाना पड़ा और मणि की टिप्पणी अंतिम और सातवें चरण में एक बार कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी। 2017 में मणि की टिप्पणी से गुजरात चुनाव में कांग्रेस को कीमत चुकानी पड़ी थी। मोदी चुनाव में मणि की टिप्पणी को गुजरात के नागरिकों का अपमान बताया था। लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण 19 मई को होना है। स्वाभाविक है कि शेष प्रचार में मोदी अब मणि की टिप्पणी को ही मुद्दा बनाएंगे। ऐसा लगता है कि कांग्रेस के कई नेता मोदी को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसे बयान देते हैं।
सफाई की जरुरत नहीं -मणि:
14 मई को शिमला में छुट्टियां मना रहे मणिशंकर अय्यर ने मीडिया से कहा कि अब मैं इस मामले में कोई सफाई नहीं दूंगा। मैंने अर्टिकल में अपने विचार रख दिए हैं। मीडिया की वजह से ही मुझे पहले बहुत नुकसान हुआ है। अब मैं मीडिया के खेल में दोबारा नहीं फंसूगा। मणि ने मीडिया की तुलना मधुमक्खियों से की है। मीडिया मधुमक्खी की तरह फूल पर बैठता है और फूल को बरबाद  कर आगे निकल जाता है। मेरे बयान पर कांग्रेस की ओर से औपचारिक बयान आ चुका है। अब मैं किसी भी तरह माफी नहीं मागूंगा।
एस.पी.मित्तल) (14-05-19)
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