ईवीएम में दर्ज मतों की गणना के बाद होगा वीपीपेट की पर्चियों से मिलान।
तब तक परिणाम की अधिकृत घोषणा नहीं।
चुनाव आयोग ने जारी किए मतगणना के आवश्यक निर्देश।
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19 मई को देशभर में लोकसभा चुनाव के मतदान की प्रक्रिया पूरी हो रही है। अब सबकी निगाहें 23 मई को होने वाली मतगणना पर लगी हुई है। देश के चुनावी इतिहास में यह पहला अवसर होगा, तब एक विधानसभा क्षेत्र के पांच मतदान केन्द्र की ईवीएम मशीन में दर्ज वोटों का मिलान वीवीपेट की पॢचयों से होगा। हालांकि चुनाव आयोग ने इस बार ईवीएम को वीपीपेट से जोड़ा है। वीवीपेट पर देख कर सभी मतदाताओं ने यह सुनिश्चित किया है कि उसका वोट सही तरीके से दर्ज हुआ है। विपक्षी दलों की मांग और सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुरूप चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच वीपीपेट की पॢचयों का मिलान ईवीएम में दर्ज मतों से होगा। अजमेर संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र है तो चालीस मतदान केन्द्रों पर मतों की गणना के लिए यह पक्रिया अपनाई जाएगी। राजस्थान के निर्वाचन विभाग के विशेषाधिकारी हरिशंकर गोयल ने बताया कि 23 मई को पहले संबंधित संसदीय क्षेत्र की मतगणना विधानसभा वार होगी। ईवीएम में दर्ज मतों की गणना पूरी हो जाने के बाद प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के पांच मतदान केन्द्र का रेंडम पद्धति से चयन होगा। चयन की प्रक्रिया भी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने होगी। इन पांच केन्द्रों की ईवीएम के मतों का मिलान वीवीपेट की पॢचयों से होगा। वैसे तो सभी केन्द्रों पर वीवीपेट की पॢचयों के अनुरूप ही ईवीएम के वोट होंगे, लेकिन यदि किसी ईवीएम के वोटों में अंतर सामने आया तो वीवीपेट की पॢचयों के अनुरूप ही उम्मीदवारों के वोट दर्ज किए जाएंगे। जब तक वीवीपेट की पॢचयों का मिलान का का र्य पूरा नहीं होगा, तब तक परिणाम की अधिकृत घोषणा नहीं होगी। हालांकि ईवीएम के मतों की गणना की जानकारी आयोग के निर्देश के अनुरूप सार्वजनिक की जाती रहेगी। वीवीपेट की पॢचयों के 25-25 के बंडल बनाए जाएंगे, ताकि मिलान की प्रक्रिया जल्द और सरलता से पूरी हो सके। यदि किसी केन्द्र पर वोटों की संख्या ज्यादा है तो मिलान की प्रक्रिया में भी ज्यादा समय लगेगा। आयोग ने इस संबंध में निर्वाचन अधिकारियों को आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवा दी है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वीवीपेट की पॢचयों के अनुरूप ही ईवीएम में वोट दर्ज हुए हैं। गोयल ने कहा कि ईवीएम पर सवाल उठाना बकवास है। ऐसी कोई तकनीक नहीं है जिससे ईवीएम में दर्ज मतों में फेरबदल किया जा सके। जिन मतदान केन्द्रों पर लापरवाही की वजह से मॉकपोल के वोट भी ईवीएम में दर्ज हो गए हैं, वहां पर वीवीपेट की पॢचयों से मतों की गणना होगी।