अजमेर बिगड़ी कानून व्यवस्था का मामला डीजीपी तक पहुंंचा।

अजमेर बिगड़ी कानून व्यवस्था का मामला डीजीपी तक पहुंंचा।
विधायक देवनानी ने जताई नाराजगी।
भाजपा पार्षद वालिया की सदस्यता समाप्त करने की मांग।

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अजमेर की बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर 4 जून को पूर्व मंत्री और भाजपा के विधायक वासुदेव देवनानी ने डीजपी कपिल गर्ग से जयुपर में मुलाकात की। देवनानी ने कहा कि अजमेर पुलिस के ढीले रवैये से अपराध बढ़ रहे हैं। आपराधियों पर अंकुश लगाने में पुलिस पूरी तरह विफल रही है। देररात तक शराब की दुकानें खुलाने, गली मोहल्लों में सट्टे का कारोबार होने आदि के आपराध तो सामान्य है, लेकिन चेनस्नेचिंग चोरी आदि की वारदातें धड़ल्ले से हो रही है। लोगों में दहशत का माहौल है। पुलिस ने अजमेर के बहुचर्चित मनीष हत्या कांड के आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया। देवनानी ने डीजीपी को बताया कि तीन माह पहले जयपुर रोड पर कारोबारी मनीष की हत्या की गई। तब सिंधी समुदाय के आंदोलन पर पुलिस ने भरोसा दिलाया था कि पन्द्रह दिन में हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस अपने वायदे पर खरी नहीं उतरी है। देवनानी ने बताया कि अजमेर शहर में आठ सौ सीसीटीवी कैमरे लगने हैं, लेकिन अब तक मात्र 200 कैमरे लगें हैं इनमें से अधिकांश कैमरे खराब पड़े हुए हैं। कैमरों से निगरानी करने वाला अभय कमांड केन्द्र भी ठप पडा हुआ है। आवश्यकता होने पर पुलिस को स्वयं इस केन्द्र से कोई मदद नहीं मिलती है। डीजीपी गर्ग ने विधायक देवनानी को भरोसा दिलाया कि जल्द ही कानून व्यवस्था को सुधारा जाएगा। डीजीपी ने भी बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई।
पार्षद वालिया को हटाने की मांग:
अजमेर नगर निगम में भाजपा के पार्षद चन्द्रेश सांखला ने अपनी ही पार्टी के पार्षद विरेन्द्र वालिया को पार्षद पद से हटाने की मांग की है। निगम की आयुक्त सुश्री चिनमयी गोपाल को लिखे एक पत्र में पार्षद सांखला ने बताया कि शहर के किन किन स्थानों पर वालिया ने अवैध निर्माण किए हैं। इसके साथ ही यह भी बताया गया कि गैर कानूनी तरीके से कृषि भूमि पर आवासीय भूखंड बेचे गए हैं। निगम से मिली भगत कर मानचित्र भी स्वीकृत करा लिए गए हैं। सांखला ने कहा कि पार्षद वालिया के दोनों पुत्र ठेकेदारी का काम करते हैं। जबकि नियमों के अनुरूप ऐसा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि नगर पालिका अधिनियम के अनुरूप यदि किसी पार्षद पर गैर कानूनी कार्य करने के आरोप है तो उसकी सदस्यता खत्म की जा सकती है। सांखला ने पत्र में मांग की कि उच्चस्तरीय जांच करवाकर वालिया की सदस्यता को समाप्त करवाया जाएगा। वहीं पार्षद वालिया ने आरोप लगाया है कि प्रतिद्वंदी पार्षद सांखला झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने सभी कार्य नियमों के अनुकूल किए हैं। पार्षद सांखला उनसे राजनीतिक द्वेषता रखते हैं।
एस.पी.मित्तल) (04-06-19)
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