जय श्रीराम के नाम से चिढ़कर आखिर किसको खुश करना चाहती हैं ममता बनर्जी ?
आखिर किसे खुश करना चाहती है ममता ?
सवाल उठता है कि जय श्रीराम के नारे से चिढ़कर ममता बनर्जी किसे खुश करना चाहती है ? हालात इतने खराब हो गए है कि जय श्रीराम का नारा लगाने वाले युवकों को गिरफ्तार करवाया जा रहा है। दो दिन पहले कोलकाता के नेहट क्षेत्र से जब ममता गुजर रही थी तब भी लोगों ने नारे लगाएं। इस पर कार से उतर ममता ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। यहां तक कहा कि ऐसे नारे लगवाने वालों की चमड़ी उतार लेंगी । ममता के निर्देश पर अब उन लोगों का पता लगाया जा रहा है जिन्होंने जय श्रीराम के नारे लगाए। अजीब विडम्बना है कि जिस हिन्दुस्तान की पहचान राम के नाम से है उसे देश में राम का नाम लेने पर गिरफ्तारी हो रही है। ममता बनर्जी भी जानती हैं कि जय श्रीराम बोलना कोई अपराध नहीं है, लेकिन फिर भी लोगों को गिरफ्तार करवाया जा रहा है। ममता को लगता है कि कुछ लोगों को गिरफ्तार करवा कर वे एक वर्ग को खुश कर देंगी, लेकिन अब ममता को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा को 18 सीटें मिली है। ममता ने अब तक जो रूख अपनाया उसी का परिणाम है कि भाजपा मजबूत स्थिति में खड़ी हो गई है। 2021 में विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में ममता को सूझ-बूझ के साथ राजनीति करनी चाहिए। जय श्रीराम के नारों का विरोध कर ममता गलत संदेश दे रही हैं। पश्चिम बंगाल जैसे बड़े प्रदेश की मुख्यमंत्री यदि सड़क पर लोगों से झगड़ा करेगी तो मुख्यमंत्री पद की गरिमा भी कम होगी। कोलकाता में ममता ने स्वयं देखा कि उनके गुस्से के बाद भी लोगों ने फिर से नारे लगाए। यानि अब बंगाल के लोग ममता की सत्ता से डर नहीं रहे हैं। ममता जितना जुल्म करेंगी उतना लोगों मे नाराजगी बढ़ेगी।
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