मां के चरण स्पर्श करना भी सनातन संस्कृति की सीख है।

मां के चरण स्पर्श करना भी सनातन संस्कृति की सीख है। आखिर नरेन्द्र मोदी को क्यों न मिले ईश्वर से आशीर्वाद ?

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27 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बनारस में काशी विश्वनाथ के दर्शन किए।  बनारस मोदी का निर्वाचन क्षेत्र भी है। 26 मई को शाम को गांधी नगर में मोदी ने अपनी मां हीराबेन का आशीर्वाद लिया। मोदी ने मां के चरण स्पर्श किए। यह सब बताता है कि मोदी लगातार अपनी सनातन संस्कृति के अनुरूच आचरण कर रह हैं। हमारी सनातन संस्कृति ही मां के चरण स्पर्श करने की सीख देती है। जिस व्यक्ति पर मां का आशीर्वाद हो, उसे ईश्वर का आशीर्वाद अपने आप मिल जाता है। जो लोग यह समझते हैं कि मां की उपेक्षा कर मंदिरों में जाने से कष्ट दूर हो जाएंगे, वो ईश्वर को भी धोखा दे रहे हैं। ईश्वर उन्हीं की मदद करता है जो अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं। आज यदि नरेन्द्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बन रहे है तो इसकी पीछे मां हीरा बेन की आशीषें है। बेटा कितना भी नालायक हो, लेकिन एक मां अपने बेटे का कभी बुरा नहीं चाहती। बेटे के लिए खुद जान दे सकती है, लेकिन बेटे को तकलीफ नहीं होगी। ऐसे बहुत से बुजुर्ग दम्पत्ति है जो अपने छोटे शहर में अकेले रहते हैं जबकि उनके एक या दो पुत्र किसी किसी महानगर में नौकरी करते हैं और अपने बीबी बच्चों के साथ आराम से रहते है। ऐसे बुजुर्ग दम्पत्ति को लगा है कि यदि उनका बेटा आएगा तो उसे तकलीफ होगी। ऐसे में छोटी-मोटी बीमारी के बारे में बेटों को नहीं बताते हैं। यानि माता-पिता खुद तकलीफ उठाते है पर बच्चों को परेशान नहीं करते। ऐसी है हमारी सनातन संस्कृति की सीख। जबकि मोदी तो हमेशा अपनी मां की इज्जत करते हैं। देश के नागरिक तो वहीं जानते है जो टीवी में दिखाया जाता है। मोदी अपनी मां के लिए क्या करते है हीरा बने ही बता सकती हैं। मोदी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री के नाते गांधीनगर में कोई बंगला नहीं ले रखा है, लेकिन अपनी मां के लिए एक छोटा सरकारी आवास लिया है जिसमें हीराबेन अपने बड़े पुत्र के साथ रहती हैं। यह भी मोदी की सादगी है। मोदी अपनी मां को दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर क्यों नहीं रखते ? ऐसे सवाल बेकार के हैं। आज का युवा वर्ग मोदी के आचरण से प्रेरणा ले सकता है। मोदी ने यह प्रदर्शित करने की कोशिश की है कि उनकी सफलता के पीछे मां का आशीर्वाद है। जो लोग अपने माता-पिता के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करते है उन्हें नियमित तौर पर सफलता मिलेगी। सबसे बड़ी बात यह है कि माता-पिता के आशीर्वाद से कोई गलत कार्य भी नहीं होगा। जो लोग माता-पिता को अपने साथ रखते है उनका घर तो स्वर्ग के बराबर है।
एस.पी.मित्तल) (27-05-19)
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