आखिर सचिन पायलट ने अपने विभागों की सुध ली।

आखिर सचिन पायलट ने अपने विभागों की सुध ली।
पीसीसी में गहलोत समर्थक मुमताज मसीह का कमरा बदला।
चार मंत्रियों ने जताई नाराजगी। 

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7 जून को  राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने दो महत्वपूर्ण कार्य किए। पायलट कांग्रेस सरकार में डिप्टी सीएम भी हैं। 7 जून को पायलट ने अपने पंचायती राज, ग्रामीण विकास, पीडब्ल्यूडी आदि विभागों की बैठक ली। जयपुर स्थित सचिवालय में हुई बैठक में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। पायलट का कहना रहा कि राजस्व गांवों तक सड़कें बनवाई जाए। पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारों के बकाया के संबंध में पायलट ने वित्त सचिव निरंजन आर्य को आवश्यक निर्देश दिए। ठेकेदारों का करीब तीन हजार करोड़ रुपया बकाया है। बैठक में पायलट ने विभिन्न विभागों के कार्यों की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद से ही प्रदेश में सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच विवाद बढ़ गया था। पायलट की सीएम बनने की मांग भी होने लगी। इसी बीच अपने विभागों की समीक्षा कर पायलट ने संकेत दिए हैं कि फिलहाल अशोक गहलोत ही सीएम रहेंगे। लेकिन वहीं पायलट प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के नाते  प्रदेश मुख्यालय में बड़ा फेर बदल कर दिया। गत बीस वर्षों से जिस कमरे में मुमताज मसीह उपाध्यक्ष की हैसियत से बैठते थे, उस कमरे में वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईडवा की नेम प्लेट लगवा दी। मसीह का कहना है कि मेरी नेम प्लेट हटाने और कमरा बदलने की जानकारी मुझे नहीं दी गई। मैं 7 जून को जब पार्टी मुख्यालय पहुंचा तब पता चला कि मुझे मेरे कमरे से बेदखल कर दिया गया है। मसीह को इस बात का अफसोस रहा कि नेमप्लेट हटाने से पहले उनकी राय नहीं ली गई। अलबत्ता मसीह ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष ने जो व्यवस्था बनाई है उसमें वे सहयोग करेंगे। मसीह की नेमप्लेट अचानक हटाने और उनके कमरे में ईडवा को बैठाने को लेकर अब कां्रेस की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मसीह को सीएम अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है। मसीह के संगठन के प्रति समर्पण का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे गत 20 वर्षों से इस कक्ष में बैठ रहे थे। पायलट से पहले बने किसी भी अध्यक्ष ने मसीह का कमरा नहीं छीना। सभी अध्यक्षों ने  मसीह की वरिष्ठता का ख्याल रखा।
मंत्रियों ने जताई नाराजगी:
गहलोत और पायलट की आपसी खींचतान के बीच ही खाद्य मंत्री रमेश मीणा, खान मंत्री प्रमोद जैन, पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना ने अपने अपने विभागों के अधिकारियों के काम काज को लेकर नाराजगी जताई है। इन मंत्रियों का कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस का शासन आ गया है, लेकिन अफसरों ने अपने कार्य का तरीका नहीं बदला है, जिसकी वजह से जनहित के कार्य नहीं हो रहे हैं। ये चारों मंत्री अपने विभागों के अधिकारियों से दु:खी और परेशान है।
एस.पी.मित्तल) (07-06-19)
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