तो पाकिस्तान की क्रिकेट टीम भी लगाएगी अपनी अर्मी का चिन्ह।

तो पाकिस्तान की क्रिकेट टीम भी लगाएगी अपनी अर्मी का चिन्ह।
धोनी के ग्लब्स से इंडियन आर्मी का चिन्ह हटवाने पर आईसीसी आमादा।
हमारे चैनल वाले पाकिस्तानी खिलाडिय़ों का बहिष्कार करें। 

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8 जून को क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था आईसीसी ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि विश्व कप प्रतियोगिता के दौरान भारतीय टीम के विकेट कीपर महेन्द्र सिंह धोनी को अपने ग्लब्स से इंडियन आर्मी का चिन्ह हटाना पड़ेगा। यदि धोनी चिन्ह नहीं हटाते हैं तो उन्हें नियमों के मुताबिक सजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। आईसीसी को इतना सख्त निर्णय पाकिस्तान के दबाव में लेना पड़ा है। अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने संकेत दिए हैं कि यदि 16 जून को भी धोनी अपने ग्लब्स पर इंडियन आर्मी का चिन्ह लगाए रखते हैं तो पाकिस्तान की टीम के खिलाड़ी भी अपने देश की आर्मी का चिन्ह लगाएंगे। इसके लिए पूरे पाकिस्तान में माहौल बनाना शुरू कर दिया गया है। लंदन में चल रही विश्व कप प्रतियोगिता में 16 जून को भारत का मुकाबला पाकिस्तान से होना है। हालांकि धोनी के रुख के बारे में 9 जून को पता चल जाएगा। 9 जून को भारत और ऑस्टे्रलिया में भिडंत होनी है। असल में धोनी के ग्लब्स पर चिन्ह पर न तो आईसीसी और न किसी देश की क्रिकेट टीम को ऐतराज है, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने विरोध कर मामले को तूल दे दिया। अब धोनी के चिन्ह का सबसे ज्यादा विरोध पाकिस्तान कर रहा है। धोनी इंडियन आर्मी  के मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और उन्होंने सेना के नियमों के मुता िबक पेराशूट का प्रशिक्षण भी ले रखा है। धोनी पेराट्रूपर रेजीमेंट के सैनिक है। इसलिए उन्होंने अपने ग्लब्स पर छोटा चिन्ह लगाया है। पाकिस्तान को भी पता है कि यह चिन्ह धार्मिक, नसलीय और कॉमर्शियल नहीं है, लेकिन फिर भी भारत विरोधी एजेंडे के तहत लगातार विरोध किया जा रहा है। यह बात अलग है कि आईसीसी के नियमों के तहत धोनी ऐसा चिन्ह नहीं लगा सकते हैं। यही वजह है कि आईसीसी पर अब पाकिस्तान का भारी दबाव है। आईसीसी का कहना है कि यदि धोनी को इंडियन आर्मी का चिन्ह लगाने की छूट दी जाती है तो फिर पाकिस्तान जैसे देशों की टीम के खिलाडिय़ों को भी नहीं रोका जा सकेगा।
पाकिस्तानी खिलाडिय़ों का बहिष्कार हो:
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और तीसरी बार वल्र्ड कप में भाग ले रहे महेन्द्र सिंह धोनी के खिलाफ पूरा पाकिस्तान एकजुट है। पाकिस्तान का कोई खिलाड़ी धोनी के ग्लब्स पर लगे चिन्ह का समर्थन नहीं कर रहा है। पाकिस्तानी चैनलों पर धोनी की निंदा की जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि हमारे न्यूज चैनल पाकिस्तान के पूर्व खिलाडिय़ों को गेस्ट के तौर पर क्यों आमंत्रित कर रहे हैं? विश्वकप प्रतियोगिता के दौरान भारत के अधिकांश न्यूज चैनलों पर भारतीय खिलाडिय़ों के साथ साथ पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी भी मौजूद रहते हैं। चैनल वालों ने ऐसे पूर्व खिलाडिय़ों को पाकिस्तान से लंदन आमंत्रित किया है। स्वभाविक है कि पाक के ऐसे खिलाडिय़ों को मोटी फीस दी जा रही है। लेकिन एक भी पाकिस्तानी खिलाड़ी धोनी के पक्ष में बयान नहीं दे रहा है।
एस.पी.मित्तल) (08-06-19)
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