भाजपा और शिवसेना अब मुसलमानों का भरोसा जीतने में लगी।
भाजपा और शिवसेना अब मुसलमानों का भरोसा जीतने में लगी।
आदित्य ठाकरे ने अजमेर की दरगाह में चादर पेश की तो प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल के शहर काजी को मिठाई खिलाई। मालद्वीप में मोदी को सर्वोच्च सम्मान।
लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस ने चाहे जैसे प्रचार किया, लेकिन चुनाव जीतने के बाद अब इन दलों के नेताओं को मुसलमानों का भी भरोसा चाहिए। भाजपा और शिवसेना के नेता नहीं चाहते हैं कि उन्हें कोई मुस्लिम विरोधी कहे। इसी भावना से 8 जून को शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र और युवा शखा के प्रधान आदित्य ठाकरे ने अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में सूफी परंपरा के अनुरूप मखमली चादर पेश की। पवित्र मजार पर आदित्य ठाकरे ने मत्था ठेका और तबर्रुख भी प्राप्त किया। खादिम मोहम्मद आदिल चिश्ती ने ठाकरे के पगड़ी बांधी और सूफी परंपरा के अनुरूप इस्तकबाल किया। शिवसेना की ओर से ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में चादर पेश की जाती है। सब जानते हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना किस तरह की राजनीति करती है।
काजी को मिठाई:
मध्यप्रदेश के भोपाल से कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को हराने वाली भाजपा की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने दो दिन पहले ईद के दिन भोपाल के शहर काजी मुशताक अली को मिठाई खिलाई और मुबारक बाद दी। इसके लिए साध्वी स्वयं काजी के घर गई साध्वी का कहना रहा कि सांसद तो पूरे समाज का होता है अब मैं सांसद बन गई हंू तो मेरे लिए समाज के सभी लोग एक समान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सभी सांसदों को सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का मंत्र दिया है। मुसलमान हिन्दुओं के और हिन्दू मुसलमानों के त्यौंहार मनाए तभी देश विकास करेगा। मैंने एक सकारात्मक पहल की है। वहीं शहर काजी मुशताक अली ने कहा कि साध्वी ने एक अच्छी पहल की है। ईद पर सांसद हमारे घर आई हैं इससे ज्यादा सुंदर बात और क्या हो सकती है? मानवता के लिहाज से भी साध्वी का प्रयास सराहनीय है। इस मौके पर शहरकाजी ने साध्वी के स्वास्थ्य के लिए दुआ की।
मोदी को सर्वोच्च सम्मान:
8 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मालद्वीप के दौरे पर हैं। मालाद्वीप में मुस्लिम प्रतिनिधियों की सरकार है, लेकिन मोदी को मालद्वीप का सर्वोच्च सम्मान दिया जा रहा है। मोदी मालद्वीप की संसद को भी संबोधित करेंगे। मालद्वीप पहुंचने पर मोदी का शानदार स्वागत हुआ है।
मुसलमानों के बगैर राजनीति नहीं:
मालद्वीप में मोदी को सर्वोच्च पुरस्कार, शिव सेना के द्वारा दरगाह में चादर और भाजपा की साध्वी के भोपाल के शहरकाजी के घर जाने की घटनाएं दर्शाती है कि अब मुसलमानों के बगैर राजनीति संभव नहीं है। चुनाव में भले ही कैसे भी हत्थकंडे अपनाएं जाए, लेकिन सत्ता मिलती है भाजपा और शिवसेना को मुसलमानों का भरोसा चाहिए। जो लोग भाजपा के शासन में मुसलमानों के डरने की बात कहते हैं उन्हें आदित्य ठाकरे और साध्वी प्रज्ञा की गतिविधियों से राजनीतिक हालातों का अंदाजा लगा लेना चाहिए। जब शिवसेना दरगाह में जियारत कर रही है और साध्वी शहरकाजी के घर जा रही है तो फिर डर कैसा?
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