अजमेर के सरकारी अस्पताल में हृदय रोग से जुड़े 20 ऑपरेशन प्रतिदिन होते हैं। 

अजमेर के सरकारी अस्पताल में हृदय रोग से जुड़े 20 ऑपरेशन प्रतिदिन होते हैं।
गरीब मरीज का एक रुपया भी खर्च नहीं होता।
डॉ. आरके गोखरू करते हैं सेवा की भावना से इलाज। 

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आमतौर पर चिकित्सकों खास कर सरकारी अस्पताल में काम करने वाले चिकित्सकों की ईमेज खराब होती है। अस्पताल के बजाए घर पर मरीज देखने से लेकर ऑपरेशन करने तक के पैसे वसूलने का आरोप लगता है। लेकिन इस धारणा के विपरीत अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरके गोखरू सेवा की भावना से अपने चिकित्सीय कार्य को कर रहे हैं। हालांकि कुछ लोग ईष्र्यावश डॉ. गोखरू की भी आलोचना करेंगे, लेकिन दस जून को मैंने हृदय रोग विभाग का गहराई से अध्ययन किया। अस्पताल में भर्ती मरीजों का कहना था कि सभी प्रकार की जांच मुफ्त में हुई है तथा दवाइयां भी अस्पताल से ही मिली है। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के हृदय रोग विभाग में 17 चिकित्सक कार्यरत है और विभाग में 65 पलंग है। तीन कैथलेब की सुविधा भी है। एसएमएस में हृदय रोग से जुड़े एंज्योग्राफी, एंज्योप्लास्टि(स्टेंट) पेसमेकर आदि के रोजाना करीब 60 ऑपरेशन होते हैं। जबकि अजमेर के हृदय रोग विभाग में सात चिकित्सकों के पद है, लेकिन डॉ गोखरू सहित मात्र दो चिकित्सक ही नियुक्त हैं। डॉ. गोखरू अकेले ही रोजाना बीस ऑपरेशन करते है। एंज्योप्लास्टि के जहां अजमेर और जयपुर के प्राइवेट अस्पतालों में दो लाख रुपए तक वसूले जाते हैं, वहीं अजमेर के सरकारी अस्पताल मरीज का एक रुपया भी खर्च नहीं होता। डॉ. गोखरू ने बताया कि जिस परिवार का भामाशाह कार्ड बना हुआ है उस परिवार के सदस्य से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। अस्पताल में भर्ती मरीजों का भी कहना रहा कि भर्ती होने के बाद एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ है। अस्पताल में आने वाले 85 प्रतिशत मरीज भामाशाह कार्ड वाले ही हैं। भामाशाह कार्ड की शुरुआत भाजपा सरकार ने की थी, लेकिन मौजूदा कांगे्रस सरकार ने भी इस योजना को जारी रखा है। इसलिए योजना का लाभ गरीब परिवारों को मिल रहा है। डॉ. गोखरू ने बताया कि जिन परिवारों के पास भामाशाह कार्ड की सुविधा नहीं है उनके मरीज की एंज्योप्लास्टि मात्र पचास हजार रुपए के खर्च में हो जाती है। हमारा प्रयास होता है कि मध्यवर्गीय परिवार का खर्च भी कम से कम हो। यही वजह है कि अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सोमवार और गुरुवार को होने वाली ओपीडी में करीब 700 मरीज जांच के लिए आते हैं। अजमेर का हृदय रोग विभाग देश का एक मात्र सरकारी विभाग है, जहां चौबीस घंटे आपातकालीन ईकाई (कैज्यूल्टी) संचालित होती है। चूंकि हृदय रोग के मरीज को तत्काल इलाज की जरुरत होती है इसलिए चौबीस घंटे की कैज्यूल्टी की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। कैज्यूल्टी में हर समय चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध रहता है। ओपीडी के अलावा तीन सौ मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल में मात्र 45 पलंग की सुविधा है, लेकिन वार्ड में करीब 125 मरीज हर समय भर्ती रहते हैं। चूंकि अभी बाइपास सर्जरी नहीं हो रही है, इसलिए अभी इस विभाग के 25 पलंग का उपयोग भी हो रहा है। कई बार मरीज को जमीन पर गद्दे लगाकर सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। देश की आधुनिकतम सुविधा अजमेर के सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है। एज्योप्लास्टि के बाद मरीज की जांच के काम आने वाली आईवीयूएस, ओटीसी, एफएफआर, एलपीआर आदि की मशीने उपलब्ध है। देश के प्रथम पांच हृदय रोग विभाग में अजमेर की गिनती होती है। ईको, होल्डर, वीपी आदि की सुविधा चौबीस घंटे उपलब्ध है। वह स्वयं भी अस्पताल में भर्ती किसी भी मरीज की जानकारी अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकते हैं। एकल विंडो की सुविधा से मरीज को इधर उधर भटकना नहीं पड़ता है। भामाशाह कार्ड की तकनीकी जानकारी से लेकर सभी प्रकार की जांच एक ही कक्ष में हो जाती है। विभाग के आईसीयू में 29 पलंग की सुविधा उपलब्ध है। डॉ. गोखरू ने बताया कि ईद के दिन 5 जून को 48 ऑपरेशन किए गए। डॉ. गोखरू ने कहा कि किसी भी मरीज के परिजन को कोई शिकायत हो तो वो सीधे उनसे समपर्क कर सकते हैं। मोबाइल नम्बर 9414002135 पर जरूरी होने पर संवाद किया जा सकता है। विभाग में जनसहयोग से भी सुविधाएं जुटाई गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑपरेशन की कोई वेटिंग नहीं है। जब कभी चिकित्सा सामग्री का अभाव होता है तो मरीज के रजिस्ट्रेशन की मेरिट लिस्ट बना दी जाती है। इस मेरिट लिस्ट की सख्ती के साथ पालना होती है।
एस.पी.मित्तल) (10-06-19)
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