अजमेर के भाजपा नेताओं में तालमेल होता तो 18 करोड़ के ब्रह्मपुरी नाले को कवर करने का काम रद्द नहीं होता।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत अजमेर के ब्रह्मपुरी नाले को कवर करने का काम अब राज्य की कांग्रेस सरकार ने रोक दिया है। यानि जयपुर रोड से लेकर तोपदड़ा फाटक तक का नाला कवर नहीं होगा। गत वर्ष 25 सितम्बर को भाजपा सरकार के तत्कालीन मंत्री वासुदेव देवनानी, श्रीमती अनिता भदेल, मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, एडीए अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा आदि ने नाला कवर के कार्य का शिलान्यास किया था। इस कार्य पर 18 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च होनी थी। यह सही है कि कोई एक किलोमीटर के नाले पर नागरिकों को यातायात का विकल्प मिलता। ब्रह्मपुरी क्षेत्र के नागरिक दुर्गंध से भी बचते। चूंकि यह कार्य भाजपा के शासन में तय हुआ था, इसलिए अब कांगे्रस के शासन में इस कार्य को नामंजूर कर दिया गया है। जो इंजीनियर भाजपा के शासन में नाला कवर को उपयोगी बता रहे थे वो ही इंजीनियर और अधिकारी कांग्रेस के राज में कह रहे हैं कि यह तकनीकी और कानूनी दृष्टि से सही नहीं है। जहां तक इंजीनियरों और अफसरों की राय का सवाल है तो सरकार बदलने के साथ ये लोग भी गिरगिट की तरह रंग बदल लेते हैं, लेकिन इसमें कांग्रेस से ज्यादा अजमेर के भाजपा नेता दोषी हैं। वर्ष 2015 से 2018 तक का चार वर्ष का समय भाजपा का स्वर्णकाल रहा। आजादी के बाद पहला अवसर रहा, जब भाजपा का अजमेर से लेकर दिल्ली तक एक छत्र राज रहा। नगर निगम से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक भाजपा का शासन था। अजमेर जिले के सात भाजपा विधायकों में से चार मंत्री पद की सुविधा भोग रहे थे। अजमेर के विकास को गति देने के उद्देश्य से ही एडीए के अध्यक्ष हेड़ा को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया। नरेन्द्र मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद अजमेर को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कर लिया। स्मार्ट सिटी के विभिन्न कार्यों के लिए दो हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। लेकिन अजमेर के भाजपा नेताओं में तालमेल नहीं था, इसलिए स्मार्ट सिटी के कार्य शुरू ही नहीं हो पाए। आनासागर के किनारे पथ-वे आदि के कार्य पूर्व कलेक्टर गौरव गोयल की वजह से हो गए। सब जानते हैं कि मंत्री देवनानी और भदेल के बीच कितने मधुर संबंध थे। यह भी सब जानते हैं कि एडीए का अध्यक्ष रहते हुए हेड़ा ने भाजपा के विधायकों एवं मेयर को कितना सहयोग किया। यदि भाजपा के नेताओं में तालमेल होता तो ब्रह्मपुरी नाला कवर का काम भाजपा शासन में ही हो जाता। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में मुश्किल से 500 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। इसमें से 250 करोड़ रुपए का ऐलीवेटेड रोड बन रहा है। यह तो अच्छा हुआ कि ऐलीवेटेड रोड का काम शुरू हो गया, नहीं तो कांग्रेस के शासन में इसे भी रद्द कर दिया जाता।
भाजपा ने लगाई थी स्लम फ्री सिटी योजना पर रोक:
वर्ष 2009 से 2014 के बीच जब सचिन पायलट अजमेर के सांसद और केन्द्रीय मंत्री थे, तब अजमेर की कच्ची और पिछड़ी बस्तियों के विकास के लिए स्लम फ्री सिटी योजना लागू की गई, लेकिन प्रदेश में भाजपा का शासन आते ही पायलट की इस योजना को रोक दिया गया। जो काम भाजपा ने पांच वर्ष पहले किया था वो ही काम अब कांग्रेस की सरकार ने किया है।
https://play.google.com/store/
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
===========