ब्यावर गैंग रेप के दो आरोपी गिरफ्तार, लेकिन पुष्कर में गैंग रेप का मामला उजागर।
अजमेर में नहीं थम रहे अपराध, पुष्कर पुलिस की लापरवाही उजागर।
पुष्कर में गैंगरेप:
19 जून बागरिया परिवार की 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची अपने पिता के साथ अजमेर में पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपस्थित हुई। बच्ची ने बताया कि 30 मई को जब वह पुष्कर के मेला मैदान के निकट अपनी झौंपड़ी में सो रही थी कि तभी तीन युवकों ने उसके साथ गैंगरेप किया। गैंगरेप से पहले उसके पिता को जबरन झौंपड़ी से बाहर ले गए। बच्ची और उसके पिता ने एसपी को बताया कि गैंगरेप की जानकारी पुष्कर पुलिस स्टेशन पर दी गई थी, लेकिन बार बार आग्रह करने पर भी पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज नहीं किया। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। पुष्कर पुलिस ने अब नाबालिग रमेश और 45 वर्षीय रामा तथा एक अन्य युवक के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन इस मामले में पुष्कर पुलिस की लापरवाही सामनं आई है। पुलिस का कहना है कि यह बागरिया परिवार का आपसी विवाद है जिसे गैंगरेप बताया जा रहा है। पुलिस अब इस मामले में आरोपियों की तलाश कर रही है।
ब्यावर कांड में दो गिरफ्तार :
अजमेर जिले के ब्यावर उपखंड में गत 13 जून को उदयपुर रोड पर खानाबदोश परिवार की एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए गैंगरेप के मामले में 19 जून को पुलिस ने भीम थाना अंतर्गत रावजी का तालाब कूकड़ा निवासी गोविंद सिंह रावत के 24 वर्षीय पुत्र कुशाल सिंह रावत तथा भीम थाना अंतर्गत नंदावट निवासी हीरा सिंह रावत के 20 वर्षीय पुत्र महेन्द्र सिंह रावत को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर रावत सेना के महेन्द्र सिंह रावत पिछले तीन दिन से ब्यावर में अनशन पर बैठे हुए थे। इस कांड के विरोध में ब्यावर में जनआंदोलन भी हो रहा था। गिरफ्तारी के बाद महेन्द्र सिंह रावत ने अपना अनशन समाप्त किया, लेकिन साथ ही मांग की कि आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए। रावत ने मांग की कि नाबालिग बच्ची को मुआवजा तथा बालिग होने पर सरकार नौकरी दी जाए। मांग को लेकर उपखंड अधिकारी को एक ज्ञापन भी दिया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी पर ब्यावर पुलिस की प्रशंसा भी की गई।
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