सरकार के काम काज में सुधार के लिए सीएम अशोक गहलोत माथुर आयोग की रिपोर्ट लागू करें।
पूर्व सीएम शिवचरण माथुर की 10वीं पुण्य तिथि पर अजमेर में सेमीनार।
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25 जून को अजमेर के वैशाली नगर स्थित प्रेस क्लब के सभागार में राजस्थान एडवोकेट फैडरेशन की ओर से पूर्व सीएम शिवचरण माथुर की 10वीं पुण्यतिथि पर एक सेमीनार की गई। इस सेमीनार में शहर के वरिष्ठ कांग्रेसियों के साथ-साथ पत्रकार, लेखक, बुद्धिजीवी और जागरुक नागरिकों ने भाग लिया। फैडरेशन के अध्यक्ष और स्वर्गीय शिवचरण माथुर के सहयोगी रहे एडवोकेट एसके सक्सेना ने उन दिनों को याद किया, जब माथुर राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष थे। मौजूदा सीएम अशोक गहलोत ने अपने प्रथम कार्यकाल में सरकार और प्रशासन में सुधार के लिए शिवचरण माथुर की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया था। सक्सेना ने बताया कि आयोग ने जो रिपोर्ट तैयार की उसमें माथुर के दस वर्ष मुख्यमंत्री कार्यकाल और कोई पचास वर्ष के राजनीतिक अनुभवों का समावेश रहा। सक्सेना ने सीएम अशोक गहलोत से आग्रह किया कि माथुर आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए ताकि सरकार और प्रशासन का काम काज सरल और पारदर्शी हो सके। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को तैयार करवाने में उनका भी सहयोग रहा इसलिए उन्हें पता है कि शासन प्रशासन के लिए यह रिपोर्ट आवश्यक है। रिपोर्ट में यह भी सुझाव है कि जिला परिषद के सीईओ के पद पर कलेक्टर से वरिष्ठ आईएएस की नियुक्ति होनी चाहिए। इसी प्रकार एक जिले में दो कलेक्टर हो एक विकास का काम देखे और दूसरा कानून व्यवस्था का। जब सरकारों का जोर ग्रामीण विकास पर है तो फिर पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत किया जाना जरूरी है। स्व. माथुर ने अपने दस वर्ष के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में पंचासतीराज संस्थाओं को मजबूत किया था। मुझे भी अजेमर का जिला प्रमुख बनने का अवसर मिला। मैंने माथुर साहब के माध्यम से ही कई बार श्रीमती इंदिरा गांधी से मुलाकात की। रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए श्रमजीवी कॉलेज के प्राचार्य और प्रमुख शिक्षाविद् अनन्त भटनागर ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट में सरकारी जमीनों पर हुए अवैध निमार्णों क ा नियमन किए जाने का पुरजोर विरोध किया। माथुर का मानना रहा है कि नियमन कर सरकार ही अवैध कब्जों को बढ़ावा देती है। रिपोर्ट में शिक्षक, चिकित्सा कर्मी के तबादलों को भी नहीं किए जाने का प्रस्ताव किया गया। इंस्पेक्टर राज को खत्म करने के लिए अनेक सुझाव दिए गए। सेमीनार में दैनिक नवज्योति के प्रधान सम्पादक दीनबंधु चौधरी ने कहा कि नवज्योति परिवार और शिवचरण माथुर के बीच हमेशा मधुर संबंध रहे। माथुर ने भीलवाड़ा का जबर्दस्त विकास कर एक नई पहचान दी। सेमीनार में पूर्व मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर ने कहा कि शिवचरण माथुर का राजनीतिक जीवन जातिवाद से ऊपर था, जबकि आज राजनीति में जातिवाद जहर बन गया है। कॉलेज के प्राध्यापक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि उनके पिताजी वीके श्रीवास्तव माथुर के ओएसडी रहे इसलिए वे भी स्व. माथुर की कार्यशैली से परिचित है। राजस्थान बार कौंसिल के सदस्य योगेन्द्र सिंह शक्तावत ने कहा कि स्व. माथुर ने राजनीति में जो मापदंड निर्धारित किए उनसे आज के नेताओं को प्रेरणा लेनी चाहिए। कामरेड डी.एल.त्रिपाठी का कहना रहा कि अजमेर के आनासागर की खुदाई में माथुर का विशेष योगदान रहा। सेमीनार में ब्लॉगर एसपी मित्तल ने कहा कि आज कांग्रेस की राजनीति में पुराने कांगे्रसियों को अपेक्षित सम्मान नहीं मिल रहा है, लेकिन आज माथुर की पुण्यतिथि पर अजमेर के पुराने कार्यकर्ता भी उपस्थित हुए हैं। इनके अनुभवों का लाभ मौजूदा कांग्रेस सरकार को उठाना चाहिए। सेमीनार में आए हुए सभी ने स्व.माथुर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए साथ ही निर्णय लिया कि प्रतिवर्ष पुण्य तिथि पर सेमीनार आयोजित की जाएगी। अंत में फैडरेशन के महासचिव आशीष सक्सेना ने सभी का आभार व्यक्त किया। फैडरेशन की गतिविधियों की जानकारी मोबाइल नम्बर 9414003192 पर हाईकोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट एसके सक्सेना से ली जा सकती है।