पश्चिम बंगाल की सरकारी स्कूलों में मुस्लिम विद्यार्थियों के लिए अलग से डायनिंग हॉल बनेगा।

पश्चिम बंगाल की सरकारी स्कूलों में मुस्लिम विद्यार्थियों के लिए अलग से डायनिंग हॉल बनेगा। आखिर ममता बनर्जी बंगाल को क्या बनाना चाहती हैं?

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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अब एक नया फरमान जारी किया है कि जिन सरकारी स्कूलों में मुस्लिम विद्यार्थियों की संख्या 70 प्रतिशत होगी, वहां मुस्लिम विद्यार्थियों के लिए अलग से डायनिंग हॉल बनाया जाएगा, ताकि मुस्लिम विद्यार्थी अपनी परंपरा के अनुरूप खान-पान कर सकें। सरकारी स्कूलों में सरस्वती पूजा नहीं होगी जैसे आरोप ममता बनर्जी पहले भी निकाल चुकी हैं। जब हमारा देश धर्म निरपेक्ष हैं और हिन्दू मुस्लिम भाईचारे की दुहाई दी जाती है, तब मुस्लिम विद्यार्थियों के लिए अलग से डायनिंग हॉल बनाना कितना मायने  रखता है। सवाल उठता है कि क्या ममता सरकार को सिर्फ मुस्लिम विद्यार्थियों की ही चिंता हैं? पुस्तकें तो धर्म के आधार पर विद्यार्थियों से कोई भेदभाव नहीं करती हैं जो हिन्दू विद्यार्थी पुस्तकें पढ़ कर विद्वान बनता है उन्हीं पुस्तकों को मुस्लिम विद्यार्थी भी पढ़ते हैं। सवाल यह भी है कि आखिर ममता बनर्जी बंगाल को क्या बनाना चाहती हैं? ऐसे ही भेदभाव वाले फैसलों से लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा को 18 सीटें मिली है, जबकि ममता के पास मात्र 22 सीटें रह गई है। उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव में परिणाम से ममता कोई सबक लेंगी, लेकिन लगता है कि ममता ने हिन्दुओं खासकर बंगाली मूल के निवासियों के विरुद्ध और सख्त रुख अपना लिया है। आने वाले दिनों में बंगाल के हालात और बिगड़ेंगे। बंगाल में आए दिन हिंसक वारदातें हो रही हैं। ममता अभी तक भी लोकसभा चुनाव की हार को पचा नहीं पाई हैं। बंगाल में बड़ी संख्या में मुस्लिम यूनिवर्सिटी, कॉलेज स्कूल आदि सरकारी खर्चे से बनाए जा रहे हैं। इन शिक्षण संस्थाओं में सिर्फ मुस्लिम छात्र-छात्राएं ही पढ़ेंगे। ममता बनर्जी के ऐेसे ही फैसलों से नाराज नागरिकों ने अब प्रत्येक मंगलवार को सड़कों-चौराहों, बाजारों में हनुमान चालीस का पाठ पढऩा शुरू कर दिया है। यानि बंगाल के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (28-06-19)
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