तो क्या राहुल गांधी अब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से भी खफा हैं? 

तो क्या राहुल गांधी अब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से भी खफा हैं?
गहलोत के ट्वीट पर लिखा-इस्तीफा वापस नहीं लूंगा।
सवाल राहुल की जिदद पर भी।

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1 जुलाई को कांग्रेस शासित राज्यों के पांच मुख्यमंत्रियों के साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात होनी थी। इस मुलाकात से पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ट्विटर पर लिखा कि लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदार हम लेते हैं। राहुल गांधी के बगैर कांग्रेस चल नहीं सकती। अत: राहुल गांधी को अपना इस्तीफा वापस ले लेना चाहिए। गहलोत को उम्मीद थी कि इस ट्वीट से राहुल की नाराजगी कुछ कम होगी। लेकिन गहलोत के ट्वीट पर ही राहुल गांधी ने लिख दिया कि मैं इस्तीफा वापस नहीं लूंगा। मेरा रुख आप लोग अच्छी तरह जानते हैं। गहलोत के ट्वीट पर लिख कर राहुल गांधी ने मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाली बैठक पर पानी फेर दिया। राहुल को भी पता था कि मुलाकात के दौरान पांचों मुख्यमंत्री उन पर इस्तीफा वापस लेने का दबाव डालेंगे। मुलाकात से पहले ही राहुल ने ट्वीट कर जता दिया कि लोकसभा चुनाव में हार पर उनकी नाराजगी बरकरार है। असल में गहलोत के ट्वीट पर अपनी बात लिखकर राहुल ने यह भी जता दिया कि वह गहलोत के इस ट्वीट को पसंद नहीं करते हैं। मालूम हो कि गत दिनों युवक कांग्रेस के एक समारोह में राहुल ने इस बात पर अफसोस जताया था कि उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस के किसी भी मुख्यमंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया और न ही किसी प्रदेश अध्यक्ष अथवा पदाधिकारी ने पेशकश की। राहुल के इस बयान के बाद ही कांग्रेस शासित राज्यों में मुख्यमंत्रियों ने राहुल से एक साथ मुलाकात करने की योजना बनाई है। सूत्रों की माने तो मुलाकात के दौरान पांचों मुख्यमंत्री राहुल गांधी को इस्तीफा सोंप सकते हैं।
राहुल की समझ:
23 मई को लोकसभा चुनाव के परिणाम आए थे और 26 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। एक माह से भी ज्यादा समय में राहुल को मनाने के अनेक प्रयास किए गए, लेकिन एक जुलाई तक राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। सवाल उठता है कि यदि राहुल की मांग पर पांचों मुख्यमंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया तो फिर कांग्रेस की सरकारों का क्या होगा। भाजपा ने अभी किसी भी सरकार को गिराने के प्रयास शुरू नहीं किए हैं। क्योंकि राहुल गांधी के रुख को देखते हुए भाजपा को कांग्रेस सरकार के अपने आप गिरने का इंतजार है। मध्यप्रदेश के सीएम कमल नाथ और राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट तथा पंजाब में सीएम अमरेन्द्र सिंह और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही जंग जगजाहिर है। कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार और संगठन पूरी ताह अनियंत्रित है। यही राहुल गांधी जिम्मेदारी नहीं लेते है तो फिर कांग्रेस के भविष्य पर भी सवालिया निशान लग जाएगा। राहुल स्वयं बताए कि आखिर किस कांग्रेसी को अध्यक्ष की कमान दी जाए। राहुल या गांधी परिवार के बगैर कांग्रेस छिन्न भिन्न हो जाएगी।
एस.पी.मित्तल) (01-07-19)
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