अजमेर के फरार पूर्व डिप्टी मेयर आर्य की तलाश जारी।
अजमेर के फरार पूर्व डिप्टी मेयर आर्य की तलाश जारी।
अग्रिम जमानत पर 4 जुलाई को सुनवाई संभव। समझौते के प्रयास भी।
छात्रा ने लगाया छेड़छाड़ का आरोप।
3 जुलाई को वरिष्ठ वकील राकेश जैन ने अजमेर के पूर्व डिप्टी मेयर सोमरत्न आर्य को अग्रिम जमानत देने के लिए विशिष्ट न्यायालय पोक्सो में प्रार्थना पत्र पेश कर दिया है। उम्मीद है कि न्यायाधीश रतनलाल मूड 4 जुलाई को सुनवाई करेंगे। आर्य के विरुद्ध कोटड़ा क्षेत्र के बड़े अर्पाटमेंट में रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया और दो जुलाई को पीडि़त छात्रा के कलमबंद बयान धारा 164 में मजिस्ट्रेट के समक्ष हो गए। छात्रा ने अपने बयानों में पिता द्वारा लिखवाई रिपोर्ट की पुष्टि की। आर्य पर घर बुलाकर अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया है, वहीं अग्रिम जमानत के प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि आर्य एक सम्मानित व्यक्ति हैं। राजनीतिक गतिविधियों के साथ साथ मानव सेवा का कार्य भी करते हैं। उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए आरोप लगाए गए हैं।
तलाश जारी:
पोक्सो एक्ट में गिरफतारी से बचने के लिए आर्य ने जहां न्यायालय की शरण ली है वहीं पुलिस भी आर्य की तलाश कर रही है। पुलिस को भरोसा है कि पोक्सो एक्ट में दर्ज मुकदमे में अग्रिम जमानत नहीं होगी। पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सिंह ने मीडिया से कहा है कि इस मामले में पुलिस गंभीर है। धरना और एफआईआर दर्ज करवाने में बड़ा गेप रहा, इसलिए आरोपी को फरार होने का अवसर मिला। लेकिन पुलिस कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उल्लेखनीय है कि 12 जून की घटना की रिपोर्ट 30 जून की रात को क्रिश्चियनगंज थाने में दर्ज करवाई गई है।
समझौते के प्रयास भी:
कानूनी प्रक्रिया के बीच ही आरोपी के परिजन पीडि़ता के परिजन से समझौते के प्रयास भी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि एफआईआर दर्ज करवाने से पहले आर्य से लिखित में माफी मांगने की बात कही गई थी, लेकिन तब आर्य ने इंकार कर दिया। आर्य का तब भी कहना रहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, लेकिन अब परिजन ने लिखित माफीनामे का प्रस्ताव भी कर दिया बताया। हालांकि पीडि़त के परिजन अब न्यायिक प्रक्रिया पर ही निर्भर है, क्योंकि नाबालिग छात्रा के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष हो चुके हैं। विधि के जानकारों के अनुसार न्यायालय से बाहर कोई समझौता अब मायने नहीं रखता है।
राजनीतिक हलकों में खलबली:
आर्य भाजपा के बड़े नेता भी हैं इसलिए अजमेर के राजनीतिक हलकों में खलबली मची हुई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही आर्य को लेकर चर्चा है। आर्य सामाजिक कार्यों की वजह से अजमेर में काफी लोकप्रिय हैं, लेकिन छात्रा का आरोप लगने के बाद अब आर्य के बचाव में कोई भी संस्था अथवा प्रतिनिधि खुलकर सामने नहीं आ रहा है।
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