मेयर धर्मेन्द्र गहलोत के प्रस्ताव पर 44 लाख वाले नाव के ठेके को 4 वर्ष के लिए बढ़ाने की योजना थी।

मेयर धर्मेन्द्र गहलोत के प्रस्ताव पर 44 लाख वाले नाव के ठेके को 4 वर्ष के लिए बढ़ाने की योजना थी।  अब अजमेर के आनासागर में नावों का ठेका एक करोड़ 59 लाख रुपए में छूटा है।

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अफसर, ठेकदार और नेता आपस में मिल जाएं तो देश के प्राकृतिक संसाधनों की लूट बड़ी आसानी से हो सकती है। ऐसी मिली भगत में सरकार के नियम कायदे भी धरे रह जाते हैं। लेकिन कई बार मजबूत गठजोड़ के बाद भी लूट की योजना धरी रह जाती है। ऐसा ही एक उदाहरण अजमेर शहर के बीचों बीच बनी आनासागर झील में वाटर स्पोट्र्स गतिविधियों को लेकर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत आनासागर झील का सौन्दर्यीकरण का कार्य किया गया है। चारों तरफ चौपाटी बना कर झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया है। इसके अंतर्गत झील में वाटर स्पोट्र्स गतिविधियां शुरू करने की योजना बनाई गई। इसके लिए 8 दिसम्बर 2017 को नगर निगम की एम्पावर्ड कमेटी की बैठक बुलाई गई। कमेटी की अध्यक्षता मेयर धर्मेन्द्र गहलोत ने की और मेयर ने ही प्रस्ताव रखा कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत आनासागर में वाटर स्पोटर्स गतिविधियां शुरू की जाएं। मौजूदा ठेकेदार मनीष त्रिपाठी की शर्त को विचार के लिए रखा गया। ठेकेदार मनीष का कथन रहा कि 31 मार्च 2019 तक आनासागर में 24 नाव चलाने का ठेका मेरे पास है और अब यदि निगम प्रशासन वाटर स्पोर्टस गतिविधियां शुरू करना चाहता है तो उसे आधुनिक स्टीमर आदि खरीदने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए का निवेश करना पड़ेगा। इसलिए ठेके की अवधि को 6 वर्ष यानि 31 मार्च 2023 तक बढ़ दिया जाए। यानि आनासागर में नाव चलाने का जो ठेका 44 लाख रुपए का है उसे ही बिना टेंडर के 6 वर्ष के लिए विस्तार दे दिया जाए। मजे की बात यह है कि एम्पावर्ड कमेटी में ठेकेदार की शर्त को स्वीकार भी कर लिया गया और कमेटी के निर्णय के अनुरूप 15 दिसम्बर 2017 को निगम के उपायुक्त गजेन्द्र सिंह रलावता ने स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को पत्र भी लिख दिया। इस पत्र में कहा गया कि ठेके की अवधि को दो वर्ष के लिए बढ़ाने का अधिकार निगम के पास है, इसलिए निगम 2023 तक तो ठेका बढ़ा देगा, लेकिन 2021 से 2023 की अवधि के लिए राज्य सरकार से स्वीकृति चाही गई। यदि ठेकेदार को 2021 तक का अधिकार चाहिए था तो निगम दे ही सकता था, लेकिन ठेकेदार भी लालची रहा, इसलिए एक साथ चार वर्ष की अवधि विस्तार मांग बैठा। ठेकेदार को भी पता था कि यह सब भाईचारे का मामला है, इसलिए सरकार से अनुमति मिल ही जाएगी, लेकिन किन्हीं कारणों से ठेकेदार को जयपुर में सफलता नहीं मिली और विधानसभा चुनाव की आचार संहिता भी लग गई। ऐसे में 44 लाख रुपए सालाना वाले नाव के ठेके को चार वर्ष के विस्तार देने की योजना धरी रह गई। आनासागर से स्पोर्टस की गतिविधियां चलाने में कितने मलाई है इसका अंदाजा नए ठेके से लगाया जा सकता है। निगम की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल ने ई-टेंडर किया, ताकि बड़े और अनुभवी ठेकेदार भी शामिल हो सके। अब आनासागर  में विभिन्न प्रकार की 34 नावें चलेंगी और निगम को प्रति वर्ष एक करोड़ 59 लाख रुपए का ठेका राशि मिलेगी। पहले की तरह प्रति वर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि भी होगी। यह ठेका तीन वर्ष के लिए दिया गया है। नया ठेका उदयपुर की फर्म ने लिया है जिसे उदयपुर की झीलों में वाटर स्पोर्टस का अनुभव है। यानि अब निगम को प्रति वर्ष करोड़ रुपए से भी ज्यादा मिलेंगे।
गड़बड़ी का सवाल ही नहीं-मेयर:
आनासागर में वाटर स्पोर्टस की गतिविधियों के संबंध में मेयर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि यह सही है कि 8 दिसम्बर 2017 को एम्पावर्ड कमेटी की बैठक मेरी अध्यक्षता में हुई थी। इस बैठक में मौजूदा ठेकेदार मनीष त्रिपाठी का ठेका ही 2023 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया, लेकिन कमेटी के निर्णय पर भी सरकार से सहमति मांगी गई, जब सरकार ने सहमति नहीं दी तो प्रक्रिया के तहत नए टेंडर आमंत्रित किए गए। गहलोत ने कहा कि 31 मार्च 2019 से पहले नए टेंडर संभव नहीं थे और आनासागर में वाटर स्पोर्टस गतिविधियां शुरू करना जरूरी था, इसलिए मनीष त्रिपाठी की ठेका अवधि को बढ़ाने का निर्णय एम्पावर्ड कमेटी में सर्वसम्मति से किया गया। एम्पावर्ड कमेटी का निर्णय जनहित में था। इस निर्णय से निगम को कोई आर्थिक नुकसान नहीं हुआ।
बैठक में मैं अकेला अफसर नहीं-रलावता:
निगम के उपायुक्त गजेन्द्र सिंह रलावता ने कहा कि 8 दिसम्बर 2017 की एम्पावर्ड कमेटी की बैठक में मैं अकेला अधिकारी नहीं था, मेयर गहलोत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मेरे साथ उपायुक्त विकास, उपविधि परामर्शी, सहायक नगर नियोजक, मुख्य लेखाधिकारी, अधिशाषी अभियंता, कार्यालय अधीक्षक आदि अधिकारी उपस्थित रहे। किसी ने भी एतराज नहीं किया। उपायुक्त की हैसियत से ही मैंने राज्य सरकार के पत्र प्रेषित किया।
एस.पी.मित्तल) (09-07-19)
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