तो 18 जुलाई को गिर जाएगी कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार।
क्या इसके लिए राहुल गांधी जिम्मेदार नहीं?
राहलु गांधी जिम्मेदार:
कर्नाटक में जिस तरह कांग्रेस गठबंधन की सरकार का पतन हो रहा है उसके लिए राहुल गांधी जिम्मेदार हैं। असल में लोकसभा चुनाव की हार के बाद जब से राहुल गांधी ने कांगे्रस के अध्यक्ष पद को छोडऩे की जिद की है, तब से राज्यों में कांग्रेस को भारी नुकसान हो रहा है। कांग्रेस संगठन पर राष्ट्रीय स्तर पर किसी एक नेता का नियंत्रण नहीं होने से राज्यों में भगदड़ मची हुई है। तेलंगाना से लेकर गोवा तक में कांग्रेस के विधायक भाजपा में शामिल हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में राहुल गांधी ने ही बोल्ड निर्णय लेते हुए मात्र 37 विधायकों वाले जेडीएस को सरकार की कमान सौंपी थी। कांग्रेस के 75 विधायक होने के बाद भी जेडीएस के कुमार स्वामी को मुख्यमंत्री बनवाया। तब पूर्व सीएम सिद्धारमैया, मल्लिकार्जुन खडग़े जैसे नेताओं को चुप करने में राहुल गांधी का ही दबाव काम में आया, लेकिन राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ते ही सिद्धारमैया जैसे नेताओं ने अपने समर्थक विधायकों को छूट दे दी। यदि राहुल गांधी कांग्रेस की कमान अपने पास रखते तो कर्नाटक में कांग्रेस के 12 विधायक इस्तीफा देने की हिम्ममत नहीं करते। यदि राहुल गांंधी ने फिर से कांग्रेस की कमान नहीं संभाली तो कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश का नम्बर है। मध्यप्रदेश में भी कमलनाथ की सरकार बहुमत के किनारे पर हैं। जो रणनीति कर्नाटक में अपनाई गई है वहीं रणनीति मध्यप्रदेश में भी अपनाई जा सकती है। कांग्रेस के कुछ नेता समझते हैं कि मुकुल वासनिक, एके एंथोनी, अहमद पटेल, सचिन पायलट जैसे किसी कांग्रेसी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस को मजबूत कर लिया जाएगा, वो गलत फहमी में हैं। कांग्रेस का वजूद तो गांधी परिवार से ही है। गांधी परिवार के डंडे से ही कांग्रेसी एकजुट रह सकते हैं।
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