राजस्थान में क्या अशोक गहलोत और सचिन पायलट से आगे निकलना चाहते हैं शांति धारीवाल?
राजस्थान में क्या अशोक गहलोत और सचिन पायलट से आगे निकलना चाहते हैं शांति धारीवाल? अब पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी। अध्यक्ष ने कहा-सदन में गलत बयानी न हो।
पुस्तक पर विवाद:
धारीवाल ने जिस पुस्तक के अंश पढ़ कर सुनाए उस पर शुरू से ही विवाद रहा है। मोदी जब 2007 में गुजरात के सीएम थे, तब वाल्मीकि समुदाय के उत्थान और विकास के लिए कर्मयोगी शिविर लगाए गए। इन शिविरों में मोदी ने भाषण भी दिए। इन्हीं भाषाणों के आधार पर कर्मयोगी नामक पुस्तक तैयार की गई। लेकिन यह पुस्तक आज तक भी प्रकाशित नहीं हुई है। इस पुस्तक से यह भी पता नहीं चलता कि जो बातें लिखी हैं उन पर मोदी ने सहमति जताई है। हालांकि दो वर्ष पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यही मुद्दा उठाया था, तभी भाजपा की ओर से खंडन किया गया। अब इसी विवादित पुस्तक का हवाला देकर धारीवाल राजस्थान विधानसभा में हंगामा करवा रहे हैं। यह तो अच्छा है कि अध्यक्ष के पद पर सीपी जोशी जैसे अनुभवी राजनेता बैठे हैं, जो मामले को संभाल रहे हैं।
आगे निकलना चाहते हैं धारीवाल:
राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि शांति धारीवाल राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट से आगे निकलना चाहते हैं। यदि अशोक गहलोत कांगे्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो सीएम बनने का अवसर पायलट को ही मिलेगा, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला कर धारीवाल कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं। यही वजह है कि वे लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। देखना होगा कि धारीवाल की इन कार्यवाहियों को गहलोत और पायलट किस नजरिए से लेते हैं। वैसे धारीवाल के बयान से वाल्मीकि समाज पर कोई असर नहीं पड़ा है। देश का वाल्मीकि समाज जानता है कि स्वच्छता अभियान के अंतर्गत नरेन्द्र मोदी ने ही सफाई कर्मियों के पैर तक धोए थे।
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