तो बीसलपुर बांध की ओर बढऩे लगा बरसात का पानी।
भीलवाड़ा क्षेत्र में हुई बरसात। इन्द्र देवता पूरी तरह मेहरबान नहीं।
26 जुलाई को मैंने ब्लॉक संख्या 5810 लिखा, जिसका शीर्षक था हे भगवान! कब आएगा बीलसपुर बांध में बरसात का पानी। मैं यह दावा नहीं करता कि भगवान ने मेरी प्रार्थना इतनी जल्दी सुन ली है, लेकिन यह सच है कि बांध के भराव क्षेत्र में 26 जुलाई की रात से ही बरसात का दौरान जारी है। यही वजह है कि तीन नदियों के संगम कहे जाने वाले त्रिवेणी में सवा मीटर का गेट चल रहा है। यानि त्रिवेणी पर सवा मीटर मोटी पानी की चादर चल रही हे। यही वजह है कि अब बरसात का पानी बीलसपुर बांध की ओर बढऩे लगा है। बीसलपुर बांध पर नजर रखने वाले सहायक अभियन्ता मनीष बसंल का कहना है कि त्रिवेणी पर सवा मीटर पानी की चादर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। त्रिवेणी पर जब सवा दो मीटर की चादर चौबीस घंटे लगातार चलेगी तब बांध में पानी आने की उम्मीद है। त्रिवेणी और बांध में 90 किलोमीटर की दूरी है ऐसे में पहले दौर में पानी आएगा उससे खढ्ढे आदि भरे जाएंगे। फिर भी यह अच्छी बात है कि त्रिवेणी पर सवा मीटर पानी की चादर चल रही है।एक करोड़ लोगों की निगाहे:
बीसलपुर बांध के पानी पर अजमेर, जयपुर, दौसा और टोंक जिले के कोई एक करोड़ लोगों की निगाहें लगी हुई है। इन चारों जिलेां में पाइप लाइन के जरिए बीसलपुर बांध से ही पेयजल की सप्लाई होती है, लेकिन जुलाई माह के अंतिम दिनों में भी बरसात का पानी बांध में नहीं आया है। इससे एक करोड़ लोगों के साथ साथ राज्य सरकार भी चिंतित है। अजमेर में तो अभी भी तीन-चार दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही है। इंजीनियरों के अनुसार बांध में जो थोड़ा पानी श्ेाष है उससे कुछ दिन ही सप्लाई की जा सकती है। बांध की भराव क्षमता 315.50 मीटर है, लेकिन गत वर्ष भी 312 मीटर तक ही पानी भरा था। अजमेर तो पूरी तरह बीसलपुर बांध पर ही निर्भर है।
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