370 में बदलाव पर डॉक्टर कर्णसिंह का समर्थन बहुत मायने रखता है। 

370 में बदलाव पर डॉक्टर कर्णसिंह का समर्थन बहुत मायने रखता है।
अब कांग्रेस को भी अपनी सोच बदलनी चाहिए।

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8 अगस्त को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर कर्णसंह ने भी अनुच्छेद 370 में बदलाव का समर्थन कर दिया है। डॉक्टर कर्णसंह ने कहा कि किसी को भी इस फैसले की निंदा नहीं करनी चाहिए। अब केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में बेटियों के साथ भेदभाव भी खत्म होगा। डॉक्टर कर्णसंह का बयान इसलिए भी मायने रखता है कि वे जम्मू कश्मीर के महाराज रहे हरि सिंह के पुत्र हैं। विभाजन के समय महाराजा हरि सिंह ने ही भारत के विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। तब सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया था। आज भले ही कुछ भाग पाकिस्तान के कब्जे में हो लेकिन महाराजा हरि सिंह ने तो पूरे राज्य का विलय भारत में किया था। चूंकि डॉक्टर कर्णसंह उन्हीं हरि सिंह के पुत्र हैं इसलिए उनका समर्थन केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए बहुत मायने रखता है। कर्णसंह का समर्थन पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भी हैै। 370 में बदलाव के बाद जो लोग अभी भी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं उन्हें भी कर्णसंह के समर्थन से सबक लेना चाहिए। जिन नेताओं ने अपने राजनीतिक स्वार्थों की खातिर जम्मू कश्मीर को अलग थलग बनाए रखा उन्हें भी अब जवाब मिल गया है। जब महाराजा के परिवार ने अनुच्छेद 370 के बदलाव को जायजा ठहरा दिया है तब संवैधानिक और राजनीतिक विवाद की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है। अब कांग्रेस को अपनी सोच में बदलाव करने की जरूरत है। डॉक्टर कर्णसंह के समर्थन के बाद कांग्रेस को भी अब विरोध छोड़ देना चाहिए। कांग्रेस को अपने मुस्लिम लीडर गुलाम नबी आजाद जैसे पर भी अंकुश लगाना चाहिए। मौजूदा हालातों में आजाद जैसे नेता कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। वैसे भी 370 में बदलाव को लेकर कांग्रेस में बगावत के हालात हैं। कांग्रेस के कई नेताओं ने केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। एक ओर जहां मोदी सरकार के निर्णय का देशभर में स्वागत हो रहा है वहीं कांग्रेस में गुलाम नबी जैसे नेता अभी भी विरोध पर कायम है।
एस.पी.मित्तल) (08-08-19)
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