भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव को अब महाराष्ट्र का चुनाव प्रभरी बनाया गया।
देश के जिन राज्यों में इसी वर्ष चुनाव होने हैं उनमें 9 अगस्त को भाजपा ने प्रभारियों की नियुक्ति की है। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव को महाराष्ट्र जैसे बड़े और महत्वपूर्ण राज्य का प्रभारी बनाया गया है। यादव अजमेर के निवासी हैं और राजस्थान से राज्य सभा के सांसद हैं। यादव के साथ ओम प्रकाश माथुार को झारखंड, प्रकाश जावड़ेकर को दिल्ली तथा नरेन्द्र सिंह तोमर को हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है। असल में महाराष्ट्र का प्रभारी बनाना चुनौतीपूर्ण कार्य है। हालांकि महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसकी सहयोगी एनसीपी बुरे दौर से गुजर रही है। लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार भाजपा- शिवसेना के गठबंधन ने सफलता प्राप्त की उससे कांग्रेस और एनसीपी में भगदड़ मची हुई है। भाजपा को अपने सहयोगी दल शिवसेना के साथ ही तालमेल बैठाना है। हालांकि अभी भाजपा के देवेन्द्र फडऩवीस मुख्यमंत्री है, लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद पर दावा जता दिया है। यानि भाजपा को शिवसेना के साथ ही तालमेल बैठाने की चुनौती है। यूं भूपेन्द्र यादव राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों के प्रभारी रहे हैं, लेकिन गत बार बिहार के प्रभारी थे। बिहार में भी भाजपा का गठबंधन मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ है। गठबंधन के धर्म को निभाने में यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आपसी तालमेल का ही परिणाम रहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार से कांग्रेस, राजद और वामपंथी दलों का सूपड़ा साफ हो गया। केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह का क्षेत्र बदलने से थोड़ी नाराजगी सामने आई थी, लेकिन इसे यादव की राजनीतिक सूझबूझ ही कहा जाएगा कि गिरीराज सिंह ने कन्हैया कुमार जैसे नेता को हरा दिया। सूत्रों की माने तो बिहार के अनुभवों का ध्यान में रखते हुए ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह ने यादव को महाराष्ट्र का प्रभारी बनाया है। यादव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता। विपरीत परिस्थितियों में भी यादव बेहद कूल बने रहते हैं। अपनी मेहनत और वफादारी की वजह से ही यादव ने आज भाजपा में अपना शीर्ष स्थान बनाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह को भी पता है कि शिवसेना के नेताओं की नाक पर गुस्सा रहता है। ऐसे में सीटों के बंटवारे में भूपेन्द्र यादव का शांत व्यवहार काम आएगा। वैसे भी अब यदाव चुनावी राजनीति के माहिर खिलाड़ी हो गए हैं।
जम्मू कश्मीर के ऑपरेशन में भूमिका:
भूपेन्द्र यादव सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील भी है। अनुच्छेद 370 में बदलाव को लेकर केन्द्र सरकार की ओर से जो राजनीतिक ऑपरेशन किया गया, उसमें यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यादव उस टीम में शामिल रहे जिसने राज्यसभा में इस प्रस्ताव को भारी मतों से स्वीकृत करवाया। चूंकि राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है, इसलिए इस प्रस्ताव को स्वीकृत करवाना चुनौती पूर्ण कार्य था। कांग्रेस सहित प्रमुख विपक्षी दलों के सांसद मत विभाजन के समय अनुपस्थित रहे तथा कई सांसदों ने पूर्व में ही राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा तक दे दिया। प्रस्ताव को कनूनी अमली जामा पहनाने में भी यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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