चिदम्बरम, दिग्विजय सिंह, मणिशंकर जैसे नेता आखिर कांग्रेस को कितना गर्त में ले जाएंगे। 

चिदम्बरम, दिग्विजय सिंह, मणिशंकर जैसे नेता आखिर कांग्रेस को कितना गर्त में ले जाएंगे।
कश्मीर में अब हिन्दू-मुस्लिम का मुद्दा उछाला। ईद पर रही शांति। 

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अनुच्छेद 370 में बदलाव को लेकर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम, दिग्विजय सिंह और मणिशंकर अय्यर के बयान सामने आए हैं। केन्द्रीय मंत्री रहे चिदम्बरम ने कहा कि यदि कश्मीर हिन्दू बहुल्य होता तो भाजपा सरकार कभी भी अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को नहीं हटाती चूंकि कश्मीर मुस्लिम बहुल्य है इसलिए प्रावधानों को हटाया गया है। वहीं मणिशंकर अय्यर ने कहा कि भारत में अब फिलिस्तिन का जन्म होने जा रहा है। अय्यर कांग्रेस के वो ही नेता है जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नीच किस्म का व्यक्ति कहा था, इसी प्रकार मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और केन्द्र में लम्बे समय तक मंत्री रहे दिग्विजय सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 में जो बदलाव किया गया है उससे कश्मीर भारत से अलग हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आग में अपने हाथ झुलसा लिए हैं। कश्मीर के हालात बहुत बिगड़ गए हैं। कांग्रेस के नेताओं के बयान पूरी तरह से भड़काऊ हैं। कांग्रेस के नेता तुष्टीकरण की राजनीति के चलते ऐसे बयान देेते रहे हैं। कांग्रेस की इसी नीति की वजह से 545 लोक सभा की सीटों में से कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटे ही मिली हैं। राज्यसभा में बहुमत न होते हुए भी केन्द्र की भाजपा सरकार ने अनुच्छेद 370 बदलाव वाला बिल पास करवा लिया। कांग्रेस के नेता अब कुछ भी कहें, लेकिन सच्चाई ये है कि राज्यसभा में बिल  के मत विभाजन के समय कांग्रेस के चार सांसद भी अनुपस्थित रहे। यहां तक कि मुख्य सचेतक भुवेनश्वर कलीता ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस की इस स्थिति को शायद बड़े नेता अभी भी नहीं समझ रहे हैं। अब पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की हिम्मत की प्रशंसा हो रही है तथा सात दिन गुजर जाने के बाद भी कश्मीर घाटी से कोई अप्रिय वारदात की खबर नहीं आई है। 12 अगस्त को आतंक से ग्रस्त जिलों में भी ईद का पर्व शांति से मना। हालांकि इंटरनेट फोन आदि की सेवाएं बंद हैं, लेकिन ईद पर किसी भी स्थान से गड़बड़ी की खबर नहीं हंै। अधिकांश मस्जिदों में ईद की नमाज सुकून के साथ पढ़ी गई। यानि कश्मीर और देश भर में ईद के मौके पर शांति रही। असल में शांति होने से ही कांग्रेस के नेताओं को बेचेनी हो रही है। जम्मू कश्मीर की सीएम रहीं महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि अनुच्छेद 370 के साथ छेड़छाड़ हुई तो कश्मीर में आग लग जाएगी। असल में आग नहीं लगने की वजह से ही कांग्रेस के नेता बौखलाएं हुए हैं, इसलिए अब कश्मीर की शांति को हिन्दू और मुस्लिम से जोड़ रहे हैं। कांग्रेस के नेता ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे माहौल खराब हो जाए। माहौल खराब होगा या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन कांग्रेस को राजनीतिक दृष्टि से काफी नुकसान हो जाएगा। कांग्रेस संगठन में अध्यक्ष को लेकर पहले से ही घमासान मचा हुआ है और यदि नेताओं के ऐसे बयान आते रहे तो कांग्रेस को संभालना मुश्किल होगा। क्या कांग्रेस नहीं चाहती कि कश्मीर से आतंकवाद समाप्त हो? कांग्रेस की मंशा कश्मीर पर पाकिस्तान के दखल की क्यों हैं? अनुच्छेद 370  में राष्ट्रपति के माध्यम से जिस प्रकार बदलाव किए गए थे, उसी प्रकार अब उन्हें हटा भी दिया गया है। इसमें संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा किया गया। यदि कांग्रेस अब कश्मीर घाटी को फिलिस्तिन बनाना चाहती है तो फिर उसे इजरायल जैसी कार्यवाही के लिए भी तैयार रहना चाहिए। जहां तक हिन्दू-मुसलमानों का सवाल है तो 12 अगस्त को जहां मुसलमानों ने ईद का पर्व उल्लास के साथ मनाया वहीं हिन्दुओं ने सावन माह के अंतिम सोमवार होने पर देश में शिव मंदिरों में सहस्त्र धारा के धार्मिक आयोजन किए। मुसलमानों ने ईदगाहों, मस्जिदों में नमाज पढ़ी तो हिन्दुओं ने मंदिरों में भगवान शिव की अराधना की यानि देश में हिन्दू और मुसलमान तो शांति के साथ रहना चाहते हैं लेकिन शायद कांग्रेस के नेताओं को यह पसंद नहीं है।
एस.पी.मित्तल) (12-08-19)
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