जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना गलत होता तो मुस्लिम राष्ट्र यूएई भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सर्वोच्च सम्मान से नहीं नवाजता। पाकिस्तान तो खुद क्राउन प्रिंस के सामने कटोरा लेकर खड़ा है।
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24 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र अरब अमीरात (यूएई) के सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ जायद से नवाजा जा रहा है। यह सम्मान यूएई के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यं ने स्वयं एक भव्य समारोह में मोदी को प्रदान किया। यूएई का यह सम्मान शांति, सद्भावना, भाईचारे आदि के लिए दिया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यूएई का यह सम्मान बहुत मायने रखता है। यूएई ने यह सम्मान तब दिया है, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं। इमरान का आरोप है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा कर मुसलमानों पर अत्याचार किया जा रहा है। इमरान खान चाहे जो कहें, लेकिन यदि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना मुस्लिम विरोधी होता तो यूएई जैसा मुस्लिम राष्ट्र कभी भी नरेन्द्र मोदी को अपने सर्वोच्च सम्मान से नहीं नवाजता। उल्टे यूएई ने दुनिया के सामने यह प्रदर्शित किया है कि अनुच्छेद 370 को हटाने के अवसर मुस्लिम राष्ट्र भारत के साथ हैं। दुनिया के अधिकांश मुस्लिम राष्ट्र भी पाकिस्तान को आतंकी देश मानते हैं, इसलिए बांग्लादेश जैसे मुस्लिम राष्ट्र ने भी कहा है कि कश्मीर का मुद्दा भारत का आतंरिक मामला है। 24 अगस्त को जिस तरह यूएई का सम्मान मिला है, उससे पाकिस्तान भी भौचक्का है। गत माह ही यूएई के प्रिंस ने भारत और पाकिस्तान का दैरान किया था, तब भारत जहां बराबर की स्थिति में था, वहीं पाकिस्तान तो प्रिंस के सामने कटोरा लेकर खड़ा था। खुद इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान की आर्थिक मदद के लिए प्रिंस का दौरा महत्वपूर्ण है। यानि पाकिस्तान जिस देश के सामने कटोरा लेकर खड़ा है उसी यूएई ने भारत के प्रधनमंत्री को ऑर्डर ऑफ जायद सम्मान से नवाजा है। हालांकि कश्मीर मुद्दे पर विश्व में पाकिस्तान अकेला पड़ गया है, लेकिन मोदी के ताजा सम्मान से पाकिस्तान का अपनी स्थिति का अंदाजा लगा लेना चाहिए। अच्छा हो कि पाकिस्तान अब कश्मीर में अपनी दखलंदाजी बंद करे और कश्मीर के हालात सामान्य होने दें। अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद पांच अगस्त से अभी तक कश्मीर घाटी में हालात सामान्य रहे हैं।