यह किक्रेट की नहीं, राजस्थान में कांग्रेस नेताओं की लड़ाई है। 

यह किक्रेट की नहीं, राजस्थान में कांग्रेस नेताओं की लड़ाई है।
रामेश्वर डूडी को भी अपने वजूद की चिंता।

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राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में एक बार घमासान शुरू हो गया है। 27 अगस्त को एसोसिएशन की बैठक में कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर डूडी ने शक्ति प्रदर्शन किया और एसोसिएशन के अध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व को खुली चुनौती दी। मालूम हो कि जोशी इस समय राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष हैं और अध्यक्ष बनने से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेता थे। यानि मौजूदा समय मेंजोशी विधानसभा के साथ-साथ आरसीए के अध्यक्ष भी हैं। जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी रामेश्वर डूडी जैसे दिग्गज नेता किसी पद पर नहीं हैं। गत भाजपा के शासन में डूडी ही विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता थे। यानि भाजपा के शासन में तो डूडी को केबिनेट मंत्री का दर्जा मिला हुआ था और अपनी कांग्रेस सरकार में कुछ नहीं। अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बने 9 माह हो गए, लेकिन डूडी जैसे नेताओं की कोई सुध नहीं ली जा रही है, जबकि भाजपा के शासन में लगातार संघर्ष कर कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाने में डूडी का भी योगदान रहा। प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के साथ डूडी ने भी पांच वर्ष संघर्ष किया। अब डूडी को ही अपने राजनीतिक वजूद की चिंता हो रही है। इसलिए पहले नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने और अब सीधे आरसीए अध्यक्ष को चुनौती दे रहे हैं। कांग्रेस नेताओं की आपसी लड़ाई का सबसे बड़े फायदा क्रिकेट के विवादित ललित मोदी गुट को हुआ है। डूडी के मोदी गुट को सीपी जोश पर हमला करने का अवसर मिल गया है। मोदी गुट के सचिव आरएस नांदू ने आरसीए के चुनाव करवाने की घोषणा कर दी है। चुनाव 22 सितम्बर को होने हैं। मजे की बात यह है कि डूडी चुनाव करने के पक्षधर हैं और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी चुनाव करवाने से इंकार कर रहे हैं। जोशी का कहना है कि अभी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर बीसीसीआई ने बैन लगा रखा है। बीसीसीआई की शर्त है कि आरसीए को पहले ललित मोदी से अलग किया जाए। यदि एक भी व्यक्ति ललित मोदी गुट का होगा तो आरसीए पर से प्रतिबंध नहीं हटेगा। जोशी भले ही कुछ भी तर्क दें, लेकिन अब ललित मोदी के समर्थकों को रामेश्वर डूडी जैसी दिग्गज कांग्रेसी नेता का समर्थन मिल गया है। हालांकि क्रिकेट की इस सियासत में अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट की भूमिका का पता नहीं चला है, लेकिन माना जाता है कि पायलट विधानसभा अध्यक्ष जोशी के साथ हैं, जबकि रामेश्वर डूडी को सीएम गहलोत का समर्थन हैं। डूडी ने 27 अगस्त को आरसीए के कार्यालय में कहा कि यदि सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत आरसीए से जुड़ते हैं तो 22 सितम्बर को होने वाले चुनाव में निर्विरोध हो जाएंगे। यानि डूडी ने तो अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। मालूम हो कि वैभव गहलोत को जोधपुर जिला  क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। फिलहाल नागौर संघ का अध्यक्ष बनने से ही इंकार कर दिया है। जोशी का कहना है कि नागौर में हुए चुनावों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। 27 अगस्त को जोशी से आरसीए की जो बैठक बुलाई, उसमें रामेश्वर डूडी नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष की हैसियत से ही पहुंचे थे, लेकिन आरसीए के अध्यक्ष सीपी जोशी के आने से पहले ही वापस आ गए। लेकिन डूडी ने आरसीए के सचिव और ललित मोदी गुट के आरएस नांदू के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर इरादे स्पट कर दिए हैं।
एस.पी.मित्तल) (28-08-19)
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