अब राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के सामने बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के भ्रष्टाचार को समाप्त करने की चुनौती।
अब राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के सामने बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के भ्रष्टाचार को समाप्त करने की चुनौती। एमआरआई और सिटी स्कैन की जांचों का ठेका दस वर्ष के लिए बढ़ाने का प्रयास।
राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा सार्वजनिक मंचों से बार बार दावा करते हैं कि उनके विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शर्मा कहते हैं कि चिकित्सा विभाग में गत भाजपा के शासन में जो लूट हुई, वह अब नहीं चलेगी। विभाग का काम पारदर्शी और नियमों के तहत होगा। अब बीकानेर के लोगों को उम्मीद है कि रघु शर्मा अपने दावों पर खरे उतरेंगे। असल में बीकानेर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में एमआरआई और सिटी स्कैन की जांचों का कार्य दस वर्ष पहले महाराजा सिटी स्कैन फर्म को दिया गया था। इस ठेके की अवधि फरवरी 2020 में पूरी हो रही है, लेकिन फर्म के मालिक राजा मोहम्मद चाहते हैं कि बगैर टेंडर के ही दस वर्ष के लिए ठेके का नवीनीकरण हो जाए। इसके लिए फर्म ने बीकानेर के अस्पताल में फाइल चलवा दी। जिला कलेक्टर और अस्पताल के प्राचार्य के नियंत्रण वाली मेडिकल रिलीफ सोसायटी ने ठेका अवधि दस वर्ष के लिए बढ़ाने की सिफारिश भी कर दी। जबकि ऐसी सिफारिश नियमों के तहत नहीं हो सकती है। यही वजह रही कि जब अस्पताल के वित्तीय सलाहकार संजय धवन से राय मांगी तो उन्होंने बगैर टेंडर के पुरानी फर्म को ही दस वर्ष के लिए ठेके के नवीनीकरण पर एतराज जताया। धवन ने राज्य सरकार के नियमों का हवाल देते हुए फाइल पर अपनी आपत्ति दर्ज करवा दी। धवन ने अपनी राय में यह भी लिखा कि यदि पुरानी फर्म ने अनुबंध के अनुरूप संतोषजनक कार्य किया है तो अधिकतम पांच वर्ष के नवीनीकरण किया जा सकता है। जानकारों की माने तो वित्तीय सलाहकार की राय से चिकित्सा विभाग के उन लोगों में खलबली मच गई जो पुरानी फर्म का ठेका दस वर्ष के लिए बढ़ाने की साजिश कर रहे थे। वित्तीय सलाहकार की राय के बाद माना जा रहा था कि एमआरआई और सिटी स्केन की जांच कार्यों के लिए नए टेंडर होंगे, लेकिन चिकित्सा मंत्री के दावों पर भरोसा करने वाले ईमानदार लोगों को तब आश्चर्य हुआ जब 5 सितम्बर को राज्य सरकार ने ठेके के नवीनीकरण की फाइल तलब कर ली। अब यह फाइल जयपुर स्थित चिकित्सा विभाग के मुख्यालय में पहुंच गई है। हालांकि बीकानेर के नाराज लोग अब चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का पुतला जला कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे लोगों का आरोप है कि यह सब रघु शर्मा के दबाव में हो रहा है। वहीं बीकानेर के अनेक लोगों खासकर कांग्रेस के नेताओं को भरोसा है कि रघु शर्मा अपने वायदे के अनुरूप भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे। आखिर यह रघु शर्मा की राजनीतिक इज्जत की भी बात है। रघु शर्मा ऐसा भी कोई आदेश नहीं देंगे जिससे भाजपा सरकार की परंपरा को जारी रखा जाए। भाजपा सरकार में ठेकों का नवीनीकरण ही होता रहा। यही तो आरोप रघु शर्मा लगाते हैं। रघु शर्मा बहुत ईमानदार चिकित्सा मंत्री है। भले महाराणा सिटी स्केन फर्म के मालिक राजा मोहम्मद के ससुर की नजदीकियां कांग्रेस नेताओं से हों, लेकिन रघु शर्मा अपनी ईमानदारी पर कभी भी आंच नहीं आने देंगे।
बीकानेर में नहीं लग सकी सिटी स्केन मशीन:
बीकानेर के सरकारी अस्पताल में भारत सरकार की स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत एक सिटी स्केन मशीन लगाई गई थी, लेकिन महाराणा सिटी स्केन के राजा मोहम्मद की वजह से मशीन नहीं लगी। राजा मोहम्मद दूसरी मशीन लगाने पर कोर्ट से स्टे ले आए। बीकानेर के लोगों को सुविधा से वंचित रखा। जबकि एक अन्य अदालत ने दूसरी सिटी स्केन लगाने के आदेश दिए। इस कोर्ट का कहना रहा कि यदि दूसरी मशीन नहीं लगाई गई तो अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों को जेल भेज दिया जाएगा। यानि अधिकारियों के सामने एक तरफ कुआ तो दूसरी तरफ खाई है। राजा मोहम्मद की जो फर्म बीकानेर के लोगों को सुविधाओं से वंचित कर रही है उसी फर्म के ठेके के नवीनीकरण की साजिश कांग्रेस सरकार में हो रही है।
फर्म की सेवाओं से संतुष्ट नहीं है बीकानेर वासी:
महाराणा सिटी स्केन फर्म की सेवाओं से बीकानेर के अधिकांश लोग संतुष्ट नहीं है। फर्म ने जो व्यवस्थाएं कर रखी हैं उससे पेंशनधारियों, वरिष्ठ नागरिकों आदि को भारी परेशानी होती है। अस्पताल में भी फर्म के कार्मिकों के दुव्र्यवहार के बारे में सुनने वाला कोई नहीं है। इतनी खराब सेवाओं के बाद भी फर्म का ठेका दस वर्ष के लिए बढ़ाया जा रहा है।
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