सोनिया गांधी को दिखाने के लिए फिलहाल एक हुए गहलोत और पायलट।

सोनिया गांधी को दिखाने के लिए फिलहाल एक हुए गहलोत और पायलट। विज्ञापन में नाम नहीं होने के बाद भी जनसूचना पोर्टल के लोकार्पण में पहुंचे डिप्टी सीएम। स्टेट प्लेन से एक साथ दिल्ली भी पहुंचे। 

============
13 सितम्बर को राजस्थान के प्रमुख समाचार पत्रों में जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी पूरे पृष्ठ का रंगीन विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। यह विज्ञापन राज्य सरकार के जनसूचना पोर्टल 2019 के लोकार्पण का है। इस विज्ञापन में समारोह का मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताया गया। विज्ञापन में प्रदेश डिप्टी सीएम और आईटी मिनिस्टर सचिन पायलट के नाम का कोई उल्लेख नहीं है। यानि पायलट को समारोह में नहीं आना था। यदि पायलट की सहमति होती तो विज्ञापन में पायलट का नाम भी होता, लेकिन इसके बावजूद भी 13 सितम्बर को लोकार्पण समारोह में पायलट मंच पर बैठे नजर आए। सरकार के विज्ञापन में बगैर नाम छपे समारोह में पायलट की उपस्थिति होना सरकार का आतंरिक मामला है, लेकिन जानकारों की माने तो 12 सितम्बर को दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के समक्ष जो कुछ भी हुआ, उससे फिलहाल दोनों नेताओं ने एकजुटता दिखाने का मन बनाया है। जनसूचना पोर्टल का लोकार्पण पूरी तरह आईटी विभाग से जुड़ा है, ऐसे में यदि आईटी मंत्री सचिन पायलट उपस्थित नहीं रहते तो मतभेदों की खबरों में और आग लगती। इसलिए पायलट ने समारोह में उपस्थिति दर्ज करवाना ही उचित समझा। इतना ही नहीं समारोह समाप्ति के बाद गहलोत और पायलट दोनों एक विमान में ही दिल्ली गए। दिल्ली में 13 सितम्बर की शाम को कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ होनी है। हो सकता है, इस बैठक में डिप्टी सीएम की हैसियत से पायलट की उपस्थित रहें। असल में गहलोत और पायलट के बीच चल रहे मतभेदों के मद्देनजर ही 12 सितम्बर को सोनिया गांधी ने दोनों से अलग अलग मुलाकात की थी। मतभेदों की खबरों पर सोनिया ने नाराजगी जताई। हालांकि दोनों ने अपनी अपनी बात सोनिया गांधी के समक्ष रखी। सोनिया गांधी की नाराजगी के बाद कांग्रेस मुख्यालय में गहलोत और पायलट के साथ प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने बैठक की। हालांकि 13 सितम्बर के अखबारों में पायलट और गहलोत गुट द्वारा प्लान्टेट खबरें प्रकाशित हुई। 12 सितम्बर को दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, उसी का परिणाम है कि अब गहलोत और पायलट ने फिलहाल एकता दिखाने का निर्णय लिया है। कल तक जो पायलट कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री को कठघरे में खड़ा कर रहे थे, वो ही पायलट अब प्रदेश की कानून व्यवस्था को अच्छा बताने लगे। जयपुर से दिल्ली का सरकारी प्लेन से सफर भी दोनों को संवाद करने का अवसर देगा।
एस.पी.मित्तल) (13-09-19)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए) 
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...