कश्मीर के मुद्दे पर यूरोपियन यूनियन में भी पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला।

कश्मीर के मुद्दे पर यूरोपियन यूनियन में भी पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला।
पाकिस्तान परस्त भारतीय नेता अब अपनी सोच बदलें।

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संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में मात खाने के बाद कश्मीर के मुद्दे पर अब पाकिस्तान की यूरोपियन यूनियन में भी हार हो गई है। पाकिस्तन ने कश्मीर के मुद्दे को यूरोपियन यूनियन में भी रखा। 18 सितम्बर को यूनियन की संसद में पाकिस्तान की मांग पर विचार हुआ। संसद ने एक स्वर में कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को भारत से ही संवाद करना चाहिए। अनुच्छेद 370 को हटा कर कश्मीरियों पर पाबंदियां लगाने के पाकिस्तान के आरोपों के जवाब में सांसदों का कहना रहा कि भारत में पड़ौसी देश से ही आतंक आ रहा है। पाकिस्तान जब परमाणु हमले की धमकी दे रहा है, तब यूरोपियन यूनियन क्या करेगी? यूरोपियन यूनियन के इस रुख से पाकिस्तान परस्त कुछ भारतीय नेताओं को सबक लेना चाहिए। जब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को कहीं से भी समर्थन नहीं मिल रहा है, तब कुछ नेता अपने राजनीतिक स्वार्थों के खातिर कश्मीर में लगी पाबंदियों का मामला उठा रहे हैं। नेताओं के ऐसे बयानों को ही आधार बना कर पाकिस्तान कश्मीर का विवाद खड़ा कर रहा है, जबकि हकीकत यह है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटने के बाद जम्मू कश्मीर प्रांत का 80 प्रतिशत हिस्सा आतंक से मुक्त हो गया है और अब वहां केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ भी मिलना शुरू हो गया है। जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में कोई पाबंदियां नहीं हंै। लोग सामान्य जिन्दगी जी रहे हैं। कश्मीर घाटी के पांच सात जिलों में अभी कुछ पाबंंदियां हैं, लेकिन वहां भी धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद जैसे नेता उसी घाटी में जाना चाहते हैं, जहां पाकिस्तान का प्रभाव है। पाकिस्तान से पैसा लेकर सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंकने, तिरंगा जलाने वालों को सुधरने में कुछ तो समय लगेगा ही। अनुच्छेद 370 को हटाने के लाभ देखने हैं तो कांग्रेस के नेताओं को जम्मू और लद्दाख के क्षेत्रों में जाना चाहिए, जहां वाकई पहले जैसा स्वर्ग देखने को मिल रहा है। सवाल उठता है कि कांग्रेस के नेता अशांत क्षेत्र में ही क्यों जाना चाहते हैं? अच्छा हो कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेता भी अब कश्मीर घाटी में हालात सामान्य करने में सहयोग करें। पाकिस्तान को भी अब आतंकवादियों को मदद करने से बाज आना चाहिए। पाकिस्तान अब तक कश्मीर की आड़ में ही भारत में आतंकी वारदातें करवा रहा था।
एस.पी.मित्तल) (18-09-19)
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