तो क्या राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट अब सीएम अशोक गहलोत पर हावी हो रहे हैं?

तो क्या राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट अब सीएम अशोक गहलोत पर हावी हो रहे हैं? इधर मंत्रिमंडल का विस्तार टला, उधर क्रिकेट की राजनीति में रामेश्वर डूडी ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को खुली चुनौती दी। आसान नहीं है कांग्रेस की सरकार चलाना। 

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राजनीति में वाकई शह मात का खेला होता है। 16 सितम्बर की रात को जब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बसपा के सभी 6 विधायकों को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करवा दी तो माना गया कि कांग्रेस की आतंरिक राजनीति में गहलोत ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। स्वभाविक था कि बसपा के विधायकों को मंत्री संसदीय  सचिव के पद से नवाजा जाएगा, इसलिए मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा भी होने लगी, लेकिन सीएम गहलोत की इस सफलता को 19 सितम्बर को ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मात दे दी। पायलट ने साफ कह दिया कि बसपा विधायक मंत्री बनने के लिए कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं। उन्हें अपने क्षेत्र का विकास करवाना है, इसलिए सरकार को मजबूती दी है। इसके साथ ही पायलट ने साफ कह दिया कि पहले उन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियोंं का लाभ दिया जाएगा, जिन्हें पांच वर्ष खून पसीना बहाकर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाई है। पायलट के इस कथन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंत्रिमंडल विस्तार को टालना पड़ा और अब पहले 15 अक्टूबर तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों का लाभ दिया जाएगा। यानि बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करते वक्त गहलोत ने जो रणनीति बनाई थी उस पर पानी फिर गया है।
रामेश्वर डूडी की खुली चुनौती:
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले कांग्रेस के प्रमुख नेता रामेश्वर डूडी ने तो क्रिकेट की राजनीति की आड़ में सीएम गहलोत को सीधे चुनौती दे दी है। प्रदेश में 27 सितम्बर  को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव होने है। मौजूदा अध्यक्ष सीपी जोशी चाहते हैं कि सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को एसोसिएशन का अध्यक्ष बनवाया जाए। इसके लिए राजसमंद जिले से वैभव का प्रवेश भी करवा दिया गया हे। लेकिन नागौर क्रिकेट जिल संघ की हैसियत से रामेश्वर डूडी ने खुली चुनौती दे दी है। डूडी खुद अध्यक्ष पद के दावेदार हैं। वैभव गहलोत को अध्यक्ष बनाने में लगे सीपी जोशी के लिए डूडी ने कड़े शब्दों का इस्तेामल करते हुए कहा कि जोशी ने दादागिरी कर रखी है। जिसे अब नहीं चलने दिया जाएगा। मैं अध्यक्ष का दावेदार हंू भले ही सामने कोई भी हो। यह बात डूडी ने तब कही, जब सीपी जोशी राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष भी हैं। जोशी के प्रयासों से ही राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर से प्रतिबंध हटा है। गंभीर बात यह है कि रामेश्वर डूडी की उम्मीदवारी को ललित मोदी गुट समर्थन कर रहा है। यानि अशोक गहलोत को मात देने के लिए डूडी और उनके समर्थकों को भगोड़े ललित मोदी का समर्थन लेने से भी गुरेज नहीं है। क्रिकेट में अभी सीपी जोशी और ललित मोदी गुट की सक्रिय है। ललित मोदी की हरकतों की वजह से बीसीसीआई ने राजस्थान पर प्रतिबंध लगाया था। सब जानते हैं कि भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से ललित मोदी के कारोबारी रिश्ते रहे हैं। यदि सीपी जोशी अपनी ओर से सीएम के पुत्र वैभव का नाम आगे नहीं बढ़ाते तो रामेश्वर डूडी के तेवर इतने तीखे नहीं होते। अब देखना होगा कि मौजूदा हालातों का जवाब अशोक गहलोत कैसे देते हैं। आमतौर पर कांग्रेस की सरकारों को भाजपा से चुनौती मिलती है, लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत को अपनों से ही चुनौती मिल रही है। बसपा सभी 6 विधायकों कांग्रेस में शामिल कर लिया, लेकिन अब सरकार की इस मजबूती पर कांग्रेस के नेता ही पानी फेर रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (21-09-19)
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