तो क्या सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंकने वाले ही कश्मीरी हैं? पीएम नरेन्द्र मोदी ने अमरीका में कश्मीरी पंडितों से मुलाकात पाकिस्तान को करारा जवाब दिया।
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22 सितम्बर को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमरीका के ह्यूस्टन में भारतीय मूल के कश्मीरी पंडितों के समुदाय से मुलाकात की। मोदी ने स्वीकारा की आम लोगों (कश्मीरी पंडित) को बहुत कष्ट झेलना पड़ा है। लेकिन कश्मीरी पंडितों ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने पर मोदी का आभार प्रकट किया। पंडितों का कहना रहा कि अब हम अपने घरों पर जा सकेंगे। असल में 370 हटने के बाद से पाकिस्तान और भारत में रह रहे पाकिस्तान परस्त नेता कश्मीर घाटी में लगी पाबंदियों को उठा रहे हैं। कहा जा रहा है कि कश्मीरियों पर अत्याचार हो रहा है। जब जानते हैं कि 5 अगस्त के बाद से सुरक्षा बलों को घाटी में एक भी गोली नहीं चलानी पड़ी है। मोदी ने कश्मीरी पंडितों से मुलाकात कर बता दिया कि असली कश्मीरी कौन हैं। पाकिस्तान तो उन कश्मीरियों की तरफदारी कर रहा है जो सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंकते हैं। कश्मीर घाटी के मात्र पांच जिलों में कुछ पाबंदियां उन्हीं कश्मीरियों पर लगा रखी हैं जो अभी पत्थर फेंकने और माहौल बिगाडऩे को उतावले हैं। उन्हीं नेताओं को नजरबंद कर रखा है जो पत्थरबाजों को भड़काते हैं। असल में पाकिस्तान परस्त नेताओं की खेल खत्म हो गया है। अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू कश्मीर प्रांत को केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया है और 80 प्रतिशत क्षेत्र को आतंक से मुक्त कर दिया है। पाकिस्तान परस्त नेता जम्मू और लद्दाख के लोगों की खुशियों की बात नहीं करते, बल्कि मु_ीभर उन कश्मीरियों की दुहाई देते हैं, जो पाकिस्तान से पैसा लेकर आतंक फैलाते हैं। क्या भारत को अपने देश में आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही का अधिकार नहीं है? जब जम्मू, लद्दाख तथा कश्मीर के अधिकांश जिलों से सभी पाबंदियां हटा ली गई है तो फिर घाटी के पाबंदी वाले पांच जिलों की स्थिति को समझा जा सकता है। ह्यूस्टन में कश्मीरी समुदाय से मुलाकात कर मोदी ने बताया कि कश्मीरी इतने मेहनती और सच्चे दिल के होते हैं। पाकिस्तान परस्त नेताओं की वजह से कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोडऩा पड़ा। अब जब कश्मीरी वापस अपने घरों पर जाएंगे तो उनकी खुशी का अंदाजा लगाया जा सकता है। पाकिस्तान को चाहिए कि वह अब कश्मीर का राग अलापना बंद करे।
एस.पी.मित्तल) (22-09-19)
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