तो क्या ऑनलाइन कंपनियों की वजह से बाजारों में प्रतिकूल असर पड़ रहा है?

तो क्या ऑनलाइन कंपनियों की वजह से बाजारों में प्रतिकूल असर पड़ रहा है? दीपावली के मौके पर ग्राहक के इंतजार में हैं दुकानदार, जबकि कंपनियों ने ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी है। 

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देश भर के बाजारों में मंदी का एक कारण अमेजन, फ्लिकार्ड, स्नेपडील, होमशॉप 18, ईबेए, क्लबफेक्ट्री जैसी ऑनलाइन कंपनियों के कारोबार को भी माना जा रहा है। शुरू में तो देश के व्यापारियों ने ऐसी कंपनियों को गंभीरता से नहीं लिया? क्योंकि व्यापारी वर्ग का भरोसा था कि हमारी वर्षों पुराने पैठ को ये विदेशी कंपनियां प्रभावित नहीं कर सकती है। हमारे और ग्राहक के बीच जो आत्मीयता का रिश्ता है, उसे बगैर दुकान-शोरूम वाली ये कंपनियां तोड़ नहीं सकती है। लेकिन धीरे धीरे व्यापारियों का यह भ्रम टूट गया। घर परिवार की युवा पीढ़ी अब अपने मोबाइल पर ऑर्डर देकर माल मंगा रही है, चूंकि ऑनलाइन कंपनियां सस्ती दर पर घर बैठे उत्पादक उपलब्ध करवाई रही है, इसलिए पूरे परिवार को सुविधा मिल गई है। चूंकि माल लौटाने की भी सुविधा है, इसलिए धीरे धीरे उपभोक्ताओं का भरोसा ऐसी कंपनियों पर बढ़ता जा रहा है। माल वापस लौटाने के बाद खाते में पैसे भी आ जाते हैं, इसलिए ग्राहक को कोई परेशानी नहीं हो रही है। अब जब दीपावली के मौके पर दुकानदारों ने अपनी दुकानों और शो रूम में माल सजा लिया है और ग्राहक के इंतजार में बैठे हैं, तब ऑनलाइन कंपनियों ने बुकिंग भी शुरू कर दी है। जिस दर पर सुई से लेकर कार आदि उत्पादक बेचे जा रहे है उससे बाजार में खलबली मची हुई है। चूंकि ऑनलाइन कंपनियों के ग्राहकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए बाजारों में ग्राहक भी नजर नहीं आ रहे। पहले बाजारों में जो भीड़ लगती थी, वैसी भीड़ अब नजर नहीं आ रही है। यह माना कि बाजारों में आर्थिक मंदी का असर है। पहले की तरह ग्राहक बहुतायत में माल नहीं खरीद रहा है, लेकिन ऑन लाइन कंपनियों की वजह से बाजार में आने वाला ग्राहकों में कमी आ गई है। अब व्यापारियों के भी यह समझ आने लगा है कि ऑन लाइन कंपनियां कारोबार को प्रभावित कर रही है। इसलिए दुकानदारों ने अब सीधे ग्राहकों से अपील की है कि वे ऑन लाइन सामान न मंगाए और बाजार की रौनक लौटाने के लिए अपने घरों से निकले। व्यापारियों की अपील में कहा जा रहा है कि जब परिवार के सदस्य घर से बाहर निकलते हैं तो समरसता भी बढ़ती है। चूंकि व्यस्तता की वजह से परिवार के सदस्य आपस में मेल जोल नहीं कर पाते, ऐसे में जब संयुक्त रूप से बाजार जाकर खरीददारी करेंगे तो घर परिवार का माहौल भी अच्छा होगा। जब बाजार आएंगे तो कुछ देर के लिए मोबाइल से भी पीछा छूट जाएगा। जब घर में रहते हैं तब अधिकांश सदस्य मोबाइल पर ही व्यस्त रहते हैं। एक कमरे में उपस्थिति के बाद भी संवाद नहीं होता। क्योंकि सभी सदस्य अपने अपने मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं। व्यापारियों का कहना है कि अपने शहर की दुकान से माल खरीदने पर कई लोगों को रोजगार मिलता है। दुकानदार को तो फायदा होता ही है साथ ही दुकान पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी लाभ होता है। कई दुकानदारों ने अपने यहां कर्मचारियों को वेतन के साथ साथ माल की बिक्री पर कमीशन पर भी रखा हुआ है। ऐसे में यदि ग्राहक दुकान पर आकर माल खरीदता है तो आर्थिक मंदी से थोड़ा मुकाबला किया जा सकता है। बाजार में वैसी ही मंदी का दौर है अब यदि युवा पीढ़ी कंपनियों से ऑनलाइन माल मगाएंगे तो मंदी का असर ज्यादा होगा। व्यापारियों ने दीपावली के अवसर पर अपने सभी पुराने ग्राहकों से अपील की है कि वे बाजार में आकर खरीददारी करें। अब दुकानदारों पर भी मोटे डिस्कॉउट के साथ माल की बिक्री की जा रही है।
एस.पी.मित्तल) (25-09-19)
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