आखिर सचिन पायलट अजमेर में इंदिरा गांधी की प्रतिमा का लोकार्पण क्यों नहीं कर रहे हैं? जबकि कांग्रेस के कार्यकर्ता उत्साहित हैं।

आखिर सचिन पायलट अजमेर में इंदिरा गांधी की प्रतिमा का लोकार्पण क्यों नहीं कर रहे हैं? जबकि कांग्रेस के कार्यकर्ता उत्साहित हैं। अब 31 अक्टूबर का इंतजार। 

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अजमेर के सबसे व्यस्तम स्टेशन रोड पर देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी की प्रतिमा पिछले दो वर्ष से कपड़े में लिपटी खड़ी है। इस प्रतिमा का लोकार्पण प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के हाथों होना है। अजमेर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन से लेकर सभी बड़े कांग्रेसी पायलट को आमंत्रित कर चुके हैं। गत दो वर्षों में पायलट कई बार अजमेर आए हैं, लेकिन प्रतिमा का लोकार्पण नहीं किया। इसीलिए अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर सचिन पायलट इंदिरा गांधी की प्रतिमा का लोकार्पण क्यों नहीं कर रहे हैं? 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि है, इसलिए एक बार फिर कार्यकर्ताओं के मन में लोकार्पण की उम्मीद जगी है। देखना होगा कि दो वर्ष से सफेद कपड़े में लिपटी इंदिरा गांधी की प्रतिमा कब जनता के सामने आती है। ऐसा नहीं कि प्रतिमा को लेकर कोई विवाद है। शहर कांग्रेस कमेटी ने भाजपा के शासन में सवा दो लाख रुपए में प्रतिमा को अजमेर विकास प्राधिकरण से खरीदा था। इस प्रतिमा का ऑर्डर कांग्रेस नेता डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने नगर सुधार न्यास का अध्यक्ष रहते हुए दिया था, लेकिन भाजपा के शासन में इसी प्रतिमा को खरीदना पड़ा। शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन ने पांच लाख रुपए खर्च कर स्टेशन रोड पर इंदिरा गांधी के स्मारक का निर्माण कर प्रतिमा स्थापित कर दी। अब सिर्फ प्रतिमा का लोकार्पण होना है। प्रतिमा लगाने की सरकारी अनुमति भी भाजपा के शासन में ही मिल चुकी है। प्रतिमा के लोकार्पण को लेकर भी कोई विवाद नहीं है। चूंकि शहर अध्यक्ष के तौर पर विजय जैन की नियुक्ति पायलट ने ही की है, इसलिए जैन के लिए पायलट ही सबसे बड़े नेता हैं। गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेन्द्र सिंह रलावता और हेमंत भाटी भी चाहते हैं कि पायलट ही प्रतिमा का लोकार्पण करें। अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और पायलट प्रदेशाध्यक्ष के साथ-साथ डिप्टी सीएम भी हैं, ऐसे में प्रतिमा के लोकार्पण में कोई अड़चन नहीं है। पायलट को तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अनुमति लेने की जरूरत भी नहीं है। यदि और कोई प्रदेशाध्यक्ष होता तो इंदिरा गांधी की प्रतिमा के लोकार्पण पर मुख्यमंत्री को भी साथ लाता। राजनीतिक दृष्टि से पायलट स्वयं भी बहुत सक्षम राजनेता हैं। अब पायलट को ही तय करना है कि वे इंदिरा गांधी की प्रतिमा का लोकार्पण कब करते हैं।
एस.पी.मित्तल) (18-10-19)
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