देवेन्द्र फडनवीस के हथौड़े के बाद शिवसेना ने कहा कि हम गठबंधन नहीं तोड़ेंगे।
देवेन्द्र फडनवीस के हथौड़े के बाद शिवसेना ने कहा कि हम गठबंधन नहीं तोड़ेंगे।
इससे पहले शरद पवार ने कांग्रेस और शिवसेना दोनों को झटका दिया।
29 अक्टूबर को सभी आशंकाओं को परे धकेलते हुए शिवसेना के प्रवक्ता ने संजय राउत ने कहा कि हम महाराष्ट्र में भाजपा के साथ गठबंधन का धर्म निभाएंगे। राउत ने कहा कि भाजपा ने 50-50 का जो वायदा किया था उसी के अंतर्गत हम अपना हक मांग रहे हैं। लेकिन हम भाजपा के गठबंधन में बने रहेंगे। संजय राउत के इस बयान से प्रतीत होता है कि अब जल्द ही महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडनवीस के नेतृत्व में दोबारा से भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार बन जाएगी। असल में 29 अक्टूबर को दोपहर डेढ़ बजे संजय राउत का यह बयान तब आया जब सुबह से महाराष्ट्र की राजनीति में बहुत कुछ घट चुका था। सुबह संजय राउत ने ही कहा था कि शिवसेना के पास सरकार बनाने के और भी विकल्प खुले हैं। शिवसेना का इशारा एनसीपी और कांग्रेस की ओर था। पिछले तीन दिन से यही कयास लगाए जा रहे थे कि अब शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी का सहयोग लेकर सरकार बना लेगी। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे में अपने पिता बाला साहब ठाकरे को शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने का जो वायदा किया था वह भी पूरा हो जाएगा। शिवसेना उद्धव ठाकरे के 26 वर्षीय पुत्र आदित्य ठाकरे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने के लिए लालायीत है। शिवसेना के अपने 56 विधायक हैं, जबकि एनसीपी के 54 तथा कांग्रेस के 44 विधायक हैं। इन तीनों दलों के विधायकों का जोड़ 154 होता है, जबकि सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए। लेकिन शिवेसना के इन मंसूबों पर 29 अक्टूबर को ही एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने पानी फेर दिया, पवार का कहना रहा कि हम शिवसेना के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाएंगे। महाराष्ट्र की जनता ने एनसीपी को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है, इसलिए एनसीपी के विधायक विपक्ष में ही बैठेंगे। शरद पवार ने यह बयान देकर शिवसेना को ही नहीं बल्कि कांग्रेस को भी झटका दिया। असल में कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं ने कहा था कि यदि सरकार बनाने के लिए शिवसेना का प्रस्ताव आएगा, तो वे राष्ट्रीय नेतृत्व से बात करेंगे। यानि कांग्रेस शिवसेना के साथ सरकार बनाने को तैयार थी। लेकिन शरद पवार ने साफ कर दिया कि उनके विधायक विपक्ष में बैठेंगे। इस बीच भाजपा के सांसद संजय कांकड़े ने दावा ने किया शिवसेना के चालीस से भी ज्यादा विधायक भाजपा के सम्पर्क में हैं। यानि उद्धव ठाकरे अपने पुत्र को सीएम बनाने की जिद पर अड़े रहे तो फिर शिवेसना में टूट हो जाएगी। देवेन्द्र फडऩवीस से लेकर संजय काकड़े तक के बाद शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने साफ कहा कि शिवसेना गठबंधन का धर्म निभाएंगी। हालांकि उन्होंने शिवसेना के विधायकों में टूट से साफ इंकार किया, लेकिन यह बात स्पष्ट कर दी कि यदि भाजपा पचास-पचास के फार्मूले को लागू नहीं करती है तो भी शिवसेना भाजपा के साथ सरकार बनाएगी। संजय राउत के इस बयान के बदा साफ हो गया है कि अब जल्द ही महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडऩवीस के नेतृत्व में सरकार बन जाएगी। शिवसेना भाजपा पर दबाव डालने में कितनी सफल रही इसका पता मंत्रिमंडल के गठन और विभागों के बंटवारे के समय लग जाएगा।
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