राजस्थान में स्टेट हाइवे पर टोल वसूली के मामले में आखिर महेश जोशी के बयान पर सीएम अशोक गहलोत को सफाई क्यों देनी पड़ी?
राजस्थान में स्टेट हाइवे पर टोल वसूली के मामले में आखिर महेश जोशी के बयान पर सीएम अशोक गहलोत को सफाई क्यों देनी पड़ी?
एक नवम्बर को राजस्थान भर के स्टेट हाइवे पर निजी वाहनों से भी टोल वसूली शुरू हो गई है। 49 निकाय और दिसम्बर में होने वाले पंचायतीराज चुनाव के ऐनमौके पर इतना बड़ा फैसला प्रदेश में कांग्रेस सरकार को राजनीतिक नुकसान भी पहुंचा सकता है। चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाने के लिए एक नवम्बर को भाजपा ने प्रदेश भर में सरकार के फैसले के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया है। कांग्रेस सरकार भाजपा के विरोध प्रदर्शन का तो राजनीतिक जवाब दे देेगी, लेकिन अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मुख्य सचेतक महेश जोशी के बयान से खलबली मच गई है। असल में जोशी ने बयान दिया कि टोल वसूली का फैसला सार्वजनिक निर्माण विभाग का है और इस विभाग के मुखिया प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट हैं। जोशी को सीएम गहलोत का समर्थक माना जाता है। ऐसे में जोशी के बयान के राजनीतिक मायने रहे। जोशी के बयान पर सचिन पायलट के खेमे से कोई प्रतिक्रिया आती, इससे पहले ही सीएम गहलोत ने साफ कह दिया कि यह फैसला अकेले सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री सचिन पायलट का नहीं है, बल्कि मंत्रिमंडल का सामूहिक फैसला है। गहलोत ने यह भी कहा कि गत भाजपा सरकार ने फायदा लेने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले स्टेट हाइवे पर निजी वाहनों को टोल टैक्स से छूट दी थी, लेकिन कांग्रेस वोट की राजनीति नहीं करती। जनता ने मुझे तीसरी बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है, इसलिए मैं चुनाव से पहले ऐसा जोखिम भरा फैसला ले सकता हंू। असल में प्रदेश के राजनीतिक हालातों के मद्देनजर सीएम गहलोत प्रदेशाध्यक्ष पायलट को नाराज नहीं करना चाहते हैं। महेश जोशी के बयान का गलत अर्थ नहीं निकाला जाए, इसके लिए गहलोत को दिल्ली से ही सफाई देनी पड़ी है। जानकार सूत्रों की माने तो बरसात के बाद स्टेट हाइवे की मरम्मत के लिए पायलट के अधीन वाले निर्माण विभाग ने मुख्यमंत्री से बजट की मांग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने बजट देने में असमर्थकता जता दी। ऐसे में पायलट ने स्टेट हाइवे पर निजी वाहनों से भी शुल्क वसूली का निर्णय कर लिया। लेकिन टोल वसूली की घोषणा निर्माण विभाग के मंत्री के नाते पायलट ने नहीं की। अखबारों में चुपचाप खबरें छपवा कर पायलट ने एक नवम्बर से टोल वसूली का काम शुरू कर दिया। सूत्रों का मानना है कि टोल वसूली का मामला भी गहलोत और पायलट की आपसी खींचतान में उलझा हुआ है।
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