गिरफ्तारी के समय रिश्वत के आरोपी जेईएन दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के एक सदस्य का रुतबा दिखाया।
गिरफ्तारी के समय रिश्वत के आरोपी जेईएन दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के एक सदस्य का रुतबा दिखाया। सरवाड़ नगर पालिका में रिश्वत खोरी का प्ररकण। आरोपियों को भेजा जेल।
एसीबी ने छापामार कार्यवाही कर 6 नवम्बर को अजमेर जिले की सरवाड़ नगर पालिका के जिस अधिशाषी अधिकारी दीपेन्द्र सिंह शेखावत को पकड़ा था, उसने गिरफ्तारी के समय राजस्थान लोकसेवा आयोग के एक सदस्य का रुतबा भी दिखाया। एसीबी जब भी किसी को पकड़ती है तो गिरफ्तारी से पूर्व किसी परिचित के बारे में जानकारी लेती है, ताकि संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तारी की जानकारी दी जा सके। पकड़े जाने वाला व्यक्ति आमतौर पर परिवार के सदस्यों का नाम ही बताता है। लेकिन दीपेन्द्र सिंह ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के एक सदस्य का नाम बताया। शेखावत को उम्मीद थी कि आयोग के सदस्य का नाम बताने से एसीबी के अधिकारियों पर कोई फर्क पड़ेगा। लेकिन एसीबी के अधिकारियों ने तत्काल ही आयोग के संबंधित सदस्य को फोन लगा दिया, ताकि शेखावत की गिरफ्तारी की सूचना दी जा सके। यह बात अलग रही कि आयोग के सदस्य ने फोन रिसीव नहीं किया। बाद में परिवार के एक सदस्य को ही गिरफ्तारी की जानकारी दी गई। एसीबी के अधिकारियों का मानना रही कि शेखावत ने बेवजह आयोग के सदस्य के नाम का उल्लेख किया है। जहां तक शेखावत के राजनीतिक रसूकतों का सवाल है तो वे बहुत प्रभावी हैं। नगर पालिका सेवा के जेईएन होते हुए भी शेखावत केकड़ी नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी बन गए और शेखावत को ही सरवाड़ पालिका का भी अधिशाषी अधिकारी बना दिया गया। एक जेईएन पर इतनी मेहरबानी केकड़ी का कोई दबंग जनप्रतिनिधि ही कर सकता है। एसीबी को शेखावत के राजनीतिक प्रभाव की जानकारी थी, लेकिन फिर भी हिम्मत दिखाते हुए छापामार कार्यवाही की। एसीबी ने 6 नवम्बर को शेखावत के साथ साथ सरवाड़ पालिका के कैशियर देवेन्द्र सिंह को भी 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा। भ्रष्टाचार के इसी प्रकरण में पूर्व जेईएन हरिसिंह को 55 हजार रुपए की रिश्वत लेते निम्बाहेड़ा से गिरफ्तार किया गया। शेखावत की गिरफ्तारी से राजनीतिक क्षेत्र में खास कर केकड़ी में खलबली मची हुई है। अब वो राजनेता मुंह छिपाते फिर रहे हैं जो शेखावत को केकड़ी व सरवाड़ लाने का श्रेय ले रहे थे।
आरोपियों को जेल भेजा:
एसीबी के डीएसपी महिपाल सिंह ने बताया कि रिश्वत के आरोपी दीपेन्द्र सिंह शेखावत, देवेन्द्र सिंह और हरिसिंह को 7 नवम्बर को एसीबी की अजमेर स्थित अदालत में पेश किया गया,जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट एसीबी के जयपुर स्थित मुख्यालय में भेजी जा रही है ताकि आगे अनुसंधान को जारी रखा जा सके। उन्होंने बताया कि पालिका के अध्यक्ष विजय कुमार लड्ढा और उनके पुत्र मयूर लड्ढा, दलाल राजेश शर्मा और विनोद शर्मा की भूमिका को लेकर भी मुख्यालय को अवगत करवाया गया है। शिकायतकर्ता महावीर जैन ने इन चारों के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं।
भ्रष्टाचार से मेरा सरोकार नहीं-लड्ढा:
वहीं पालिका अध्यक्ष विजय कुमार लड्ढा ने कहा कि रिश्वतखोरी के इस प्रकरण से उनका कोई सरोकार नहीं है। शिकायतकर्ता महावीर जैन ने कभी भी नहीं बताया कि उनका बिल बकाया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में उन्हें बेवजह घसीटा जा रहा है। यदि शिकायतकर्ता उन्हें बिल का भुगतान न होने की जानकारी देता तो उस पर कार्यवाही करवाते। इस संबंध में एसीबी जो भी पूछताछ करेगी उसका जवाब दिया जाएगा।
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