सुप्रीम कोर्ट चाहता तो राफेल पर जांच के आदेश दे सकता था।

सुप्रीम कोर्ट चाहता तो राफेल पर जांच के आदेश दे सकता था।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की महत्वपूर्ण टिप्पणी।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कोई पेच नहीं। 

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16 नवम्बर को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत दिल्ली में सक्रिय रहे। महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनाने को लेकर मंत्रणा भी की। मंत्रणा के बाद मीडिया से संवाद करते हुए गहलोत ने कहा कि राफेल विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट चाहता तो सौदे की प्रक्रिया के जांच के आदेश भी दे सकता था। यह जांच सीबीआई एसआईटी अथवा जेपीसी के द्वारा करवाई जा सकती थी। लेकिन कोर्ट ने जांच के आदेश नहीं दिए। कांग्रेस का हमेशा न्याय पालिका पर भरोसा है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। गहलोत ने फिर दोहराया कि देश का मीडिया केन्द्र सरकार के दबाव में है इसलिए सरकार विरोधी खबरों को नहीं दिखाया जाता है। गहलोत ने यह भी कहा कि मुझे नहीं पता कि जिन चैनलों के माइक यहां रखे हुए हैं उन पर मेरा बयान प्रसारित होगा या नहीं। उन्होंने कहा कि मैं पत्रकारों की मजबूरी समझता हंू। केन्द्र सरकार मीडिया घरानों के मालिकों पर ईडी अथवा इनकमटैक्स की कार्यवाही करवा रही है। गहलोत ने कहा कि 2014 में भाजपा ने झूठे वायदे कर चुनाव जीत लिया और 2019 में राष्ट्रवाद का मुद्दा उछाल कर दोबारा से सरकार बना ली और अब अनुच्छेद 370 को हटाने तथा अयोध्या में राममंदिर बनाने के मामले उछाले जा रहे हैं। भाजपा का उद्देश्य किसी भी तरह चुनाव जीतना है, जबकि देश में बेरोजगारी और आर्थिक मंदी चरम पर है। इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार की ओर से कोई सफाई नहीं दी जाती है। गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कोई पेच नहीं है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जल्द कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन वाली सरकार बनेगी।
दिनभर सक्रिय रहे:
16 नवम्बर को सीएम गहलोत दिल्ली में दिन भर सक्रिय रहे। सूत्रों के अनुसार गहलोत चाहते हैं कि महाराष्ट्र में जल्द से जल्द शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन वाली सरकार बन  जाए। गहलोत का मानना है कि यदि महाराष्ट्र में भाजपा को सरकार बनाने से रोका गया तो यह कांग्रेस की बहुत बड़ी जीत होगी। भाजपा को रोकने के लिए शिवसेना के साथ गठबंधन करने पर गहलोत को कोई ऐतराज नहीं है। यह उल्लेखनीय है कि गहलोत की पहल पर ही महाराष्ट्र के कांग्रेसी विधायकों को जयपुर के एक पांच सितारा रिसोर्ट में पांच दिनों तक टिकाए रखा गया। कांग्रेस के विधायकों के टूटने की संभावनाओं को देखते हुए विधायकों को मुम्बई से जयपुर लाया गया था। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच विवाद होने के बाद से ही गहलोत महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार सक्रिय हैं।
एस.पी.मित्तल) (16-11-19)
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