तो पाकिस्तान देख ले, भारत में मुसलमानों को कितनी आजादी है।

तो पाकिस्तान देख ले, भारत में मुसलमानों को कितनी आजादी है।
अयोध्या में भगवान राम  के मंदिर निर्माण को रोकने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।
फारुख अब्दुल्ला को लेकर लोकसभा में हंगामा। 

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पाकिस्तान हमारे कश्मीर को आगे रख दुनिया में प्रोपेगंडा करता है कि भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं। हालांकि अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद से पाकिस्तान के इस दुष्प्रचार की भी पोल खुल गई है। सब जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवम्बर को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर फैसला दिया। 9 नवम्बर से पहले सभी मुस्लिम पक्ष कह रहे थे कि कोर्ट का फैसला मंजूर होगा, लेकिन अब ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिन्द, बावरी मस्जिद एक्शन कमेटी जैसे मुस्लिम संगठन कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। देश के विभाजन के बाद से ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन धर्म निरपेक्ष के सिद्धांत को मानने वाले हिन्दुस्तान में मंदिर का निर्माण नहीं हो सका। स्वतंत्रता के साथ रह रहे मुस्लिम संगठनों के लगातार विरोध के चलते मंदिर निर्माण का मामला अदालतों में उलझा रहा। अब जब देश की सबसे बड़ी अदालत ने भी विवादित भूमि को मंदिर की भूमि मान लिया है, तब मुस्लिम संगठनों को अपनी बात कहने का पूरा है। यही वजह है कि अब अनेक मुस्लिम संगठन सुप्रीम कोर्ट में 9 नवम्बर के फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर कर रहे हैं। यदि भारत में मुसलमानों पर कोई अत्याचार होता तो 70 वर्षों तक भगवान राम के मंदिर का विवाद अदालतों में नहीं उलझा रहता। अब भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जा रही है। इससे पाकिस्तान को भारत में रह रहे मुसलमानों की स्थिति का अंदाला लगा लेना चाहिए। भारत में मुसलमान न केवल सम्प्रभुता और स्वतंत्रता के साथ रह रहा है। पाकिस्तान को भारत के किसी भी मुसलमान की चिंता नहीं करनी चाहिए। भारत में आससुद्दीन औवेसी जैसे मुस्लिम नेता हैं जो पूरी दादागिरी के साथ रहते हैं। वहीं पाकिस्तान में हिन्दुओं की कैसी स्थिति है, यह किसी से छिपी नहीं है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद घाटी के हालात भी सामान्य हो रहे हैं। अब कश्मीर घाटी के मुसलमानों के भी समझ में आने लगा है कि पाकिस्तान सिर्फ गुमराह कर रहा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुसलमानों के हालात सब जानते हैं। उल्टे पाकिस्तान उन कश्मीरियों पर जुल्म कर रहा है जो भारत के साथ रहना चाहते हैं। पाकिस्तान से आजाद होने के लिए कश्मीरी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। यदि पाकिस्तान की अत्याचारी सेना का कब्जा नहीं होता तो पीओके के कश्मीरी अब भारत में शामिल हो जाते। भारत को इस क्षेत्र में पहले से ही अपने कश्मीर का भू भाग मानता आया है।
फारुख अब्दुल्ला को लेकर हंगामा:
भारत में लोकतंत्र कितना मजबूत है, इसका अंदाजा 18 नवम्बर को लोकसभा में हुए हंगामे से लगाया जा सकता है। लोकसभा के सदस्य और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला की नजरबंदी को लेकर अनेक सदस्यों ने चिंता जताई। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने तो केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की। विपक्षी सदस्यों ने फारुख की गिरफ्तारी पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जबकि सब जानते हैं कि कश्मीर के मुद्दे पर फारुख अब्दुल्ला पाकिस्तान के समर्थक हैं।
एस.पी.मित्तल) (18-11-19)
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