एमबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं होगा।

एमबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं होगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्नल बैंसला को भरोसा दिलाया।
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने कहा-हम सचिन पायलट से ही सवाल करेंगे। 

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27 नवम्बर को राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने  राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की। कर्नल बैंसला ने इस मुलाकात में राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा मुस्लिम मिरासी समाज की जातियों को अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) में शामिल करने के सर्वे को लेकर सवाल उठाया। इस पर सीएम गहलोत ने कर्नल बैंसला को भरोसा दिलाया कि एमबीसी के आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा जो सर्वे करवाया जा रहा है वह न्यायिक प्रक्रिया के तहत हैं लेकिन सरकार गुर्जरों के लिए विशेष पांच प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखेगी। आयोग के सर्वे से गुर्जर समाज को परेशान होने की जरूरत नहीं है। गहलोत ने देव नारायण योजना का नाम परिवर्तन नहीं करने तथा योजना में पर्याप्त धनराशि देने का भरोसा भी दिया। गहलोत ने गुर्जर आरक्षण आंदोलन में शाहीद हुए व्यक्तियों की विधवाओं को भी सुविधा देने की बात कही। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अथक प्रयास करने के बाद गुर्जर समुदाय को पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण दिया है। सरकार अपने इस वायदे पर कायम है। मुलाकात के बाद कर्नल बैंसला ने वार्ता को संतोषजनक बताया। कर्नल बैंसला ने कहा कि अशोक गहलोत एक संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं, इसलिए उनकी बात पर भरोसा करना ही चाहिए। इस वार्ता में संघर्ष समिति के सदस्य विजय बैसला, शैलेन्द्र सिंह के साथ साथ सरकार और समिति के बीच सूत्रधार बने वरिष्ठ आईएएस नीरज के पवन भी शामिल थे।
पायलट से ही सवाल करेंगे:
सोशल मीडिया में इन दिनों गुर्जर समुदाय के वरिष्ठ नेता हिम्मत सिंह और समाज के ही एक युवक के बीच हुई वार्ता का ऑडियो वायरल हो रहा है। इस इस ऑडियो में युवक ने हिम्मत सिंह पर आरोप लगाया कि वे बेवजह डिप्टी सीएम सचिन पायलट को टारगेट कर रहे हैं। चूंकि इस ऑडियो में हिम्मत सिंह ने पायलट पर विधानसभा चुनाव में टिकिट काटने का भी आरोप लगाया है, इसलिए ऑडियो की कुछ ज्यादा ही चर्चा हो रही है। ऑडियो के संबंध में 28 नवम्बर को मैंने हिम्मत सिंह से सवाल किया कि तो उन्होंने कहा कि गुर्जर समुदाय सचिन पायलट से ही सवाल करेंगे, इसमें कोई बुराई नहीं है। सब जानते हैं कि गत विधानसभा चुनाव में गुर्जर समुदाय ने एकजुट होकर पायलट को समर्थन दिया था, इसके पीछे यही भावना थी कि पायलट प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे। पायलट के प्रति एकजुटता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चुनाव में भाजपा का एक भी गुर्जर उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर सका। अब जब पायलट कांग्रेस सरकार डिप्टी सीएम हैं तो समाज के लोग पायलट से ही सवाल करेंगे। हिम्मत सिंह ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग प्रदेश भर में अति पिछड़ा वर्ग में मुस्लिम मिरासी समुदाय की जातियों को भी शामिल करने के लिए सर्वे करवा रहा है तो पायलट को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देवनारायण विकास बोर्ड का अध्यक्ष अभी तक भी नियुक्त नहीं हुआ है। देवनारायण योजना में पर्याप्त बजट नहीं होने से समाज के विद्यार्थियों को लाभ नहीं मिल रहा है। चूंकि सचिन पायलट सरकार में जिम्मेदार पद पर हैं, इसलिए समाज की समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी भी पायलट की ही है। जहां तक मेरा टिकिट काटने का सवाल है तो यह बात मैं कई बार सार्वजनिक मंचों से भी कह चुका हंू। मेरा पायलट परिवार के साथ पुराना संबंध रहा है। चूंकि मैं दौसा का रहना वाला हंू इसलिए मैंने सचिन पायलट के पिता स्व. राजेश पायलट के साथ भी राजनीति की है। स्व. पायलट को दौसा से संसदीय चुनाव जितवाने में मेरी भी भूमिका रही है। मेरा सचिन पायलट के साथ कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है। मैं गुर्जर समुदाय की समस्याओं के समाधान के लिए संघर्षरत हंू। जहां तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल नहीं पूछने की बात है तो जब हमारे समाज का प्रतिनिधि सरकार में बैठा हुआ है, तो पहली जिम्मेदारी समाज के प्रतिनिधि की बनती है।
एस.पी.मित्तल) (28-11-19)
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