रेजीडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म नहीं की तो सरकार सख्त कार्यवाही करेंगी-मंत्री रघु शर्मा।
रेजीडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म नहीं की तो सरकार सख्त कार्यवाही करेंगी-मंत्री रघु शर्मा। राजस्थान में सरकारी अस्पतालों के हालात बिगड़े।
राजस्थान में चार दिसम्बर को लगातार दूसरे दिन भी रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही। प्रदेश के तीन हजार रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से अस्पतालों का काम प्रभावित हुआ है। सरकारी अस्पतालों में ऑपपरेशन टाल दिए गए हैं तो कई अस्पतालों में ओपीडी को स्थगित किया गया है। मरीजों की भीड़ अस्पताल में है, लेकिन इलाज करने के लिए डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। अस्पतालों के हालातों को देखते हुए ही चार दिसम्बर को एक बार फिर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने हड़ताली डॉक्टरों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार अधिकांश मांगों पर सहमत है, ऐसे में डॉक्टरों को तत्काल आदेश जारी करने की हठधर्मिता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने दोहराया कि रेजीडेंट डॉक्टर सरकार को सख्त कार्यवाही करने के लिए मजबूर नहीं करें। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का कार्य सेवा का है उन्हें मरीज के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। शर्मा ने डॉक्टरों से अपील की कि हड़ताल को खत्म कर काम पर लौटें। सरकार की पूर्ण सहानुभूति डॉक्टरों के साथ हंै। वहीं राजस्थान रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि सरकार जब तक लिखित आदेश जारी नहीं करती तब तक हड़ताल को खत्म नहीं किया जाएगा। चिकित्सा मंत्री को डराने धमकाने की कार्यवाही नहीं करनी चाहिए। इसके बजाए चिकित्सा मंत्री ये देखे के रेजीडेंट डॉक्टर किन परिथ्स्थतियों में काम कर रहे हैं। मरीजों की संख्या का दबाव इतना है कि रेजीडेंट डॉक्टरों को एक मिनट की फुर्सत नहीं मिलती है। एक रेजीडेंट को 18 घंटे तक काम करना पड़ता है। लेकिन सरकार हाउस रेंट तक नहीं देती है। सरकार ने फीस में भी दोगुनी वृद्धि कर दी है। सरकार बार बार कहती है कि हम मांगों से सहमत हैं, लेकिन अपनी सहमति पर सरकार क्रियान्विति नहीं करती है। हड़ताल पर जाने का नोटिस 15 दिन पहले ही दे दिया था, लेकिन सरकार ने नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया। जब चिकित्सा मंत्री मांगों पर सहमत हैं तो फिर आदेश जारी क्यों नहीं करते हैं? जाहिर है कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को उकसाने वाले बयान नहीं देने चाहिए। चिकित्सा मंत्री जिस तरह से रेजीडेंट डॉक्टरों को धमका रहे हैं, उससे डॉक्टरों में रोष व्याप्त है।
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