गहलोत सरकार की पहली सालगिराह के जश्न में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट शामिल नहीं हुए।

गहलोत सरकार की पहली सालगिराह के जश्न में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट शामिल नहीं हुए।
पायलट के समर्थक मायूस।
गहलोत का पूर्व सीएम वसुंधरा पर फिर हमला।

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राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस की सरकार को एक वर्ष पूरा हो गया। एक वर्ष पूरा होने पर 17 दिसम्बर को राजधानी में सरकार की ओर से जश्न मनाया गया। सीएम अशोक गहलोत और उनके मंत्री दिन भर जश्न में डूबे रहे। सरकार की उपलब्धियों को लेकर जेके के परिसर में एक वर्ष फैसले अनेक थीम को लेकर प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी का उद्घाटन सीएम गहलोत एक-एक विभाग की स्टॉल पर जाकर जानकारी ली। कोई दो घंटे तक सीएम इस प्रदर्शनी में उपस्थित रहे, दोपहर को विद्याधर नगर स्टेडियम में कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में गहलोत और उनके मंत्रियों ने भाग लिया। सीएम ने इस मौके पर कृषि उपकरणों को भी देखा। लेकिन सरकार के इस जश्न में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट कहीं भी नजर नहीं आए। कहा जा रहा है कि पायलट झारखंड के चुनावों में व्यस्त हैं। पायलट का गहलोत सरकार के जश्न में न जाने का कुछ भी बहाना हो, लेकिन पायलट की गैर मौजूदगी बताती है कि राजस्थान में सत्ता और संगठन  में कुछ तो गड़बड़ हैं। पायलट कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष ही नहीं बल्कि सरकार में डिप्टी सीएम भी हैं। ऐसे में सरकार की पहली वर्ष गांठ पर पायलट को डिप्टी सीएम की हैसियत तो शामिल होना ही चाहिए। सीएम अशोक गहलोत तो अपनी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल से गद्गद हैं, लेकिन संगठन के मुखिया का कोई अता-पता नहीं है। क्या सचिन पायलट की इतनी राजनीतिक व्यवस्तता है कि वे अपनी ही सरकार के जश्न में शामिल नहीं हो पा रहे हैं? पायलट कई बार कह चुके हैं कि गत भाजपा शासन में पांच वर्षों तक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जो खून पसीना  बहाया, उसी की बदौलत राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बन पाई है। ऐसे बयानों के बीच सरकार के एक वर्ष के जश्न में सचिन पायलट की गैर मौजूदगी मायने रखती है। सरकार के जश्न में शामिल नहीं होने से पायलट के समर्थक भी मायूस हैं। ऐसे समर्थकों का कहना है कि उन्हें तो सत्ता में होने का अहसास तक नहीं हुआ है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पायलट कई बार सार्वजनिक मंचों से सरकार में कांगे्रस के कार्यकर्ता को सम्मान देने की बात कह चुके हैं, लेकिन अभी तक राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो पाई है। यानि पायलट के समर्थकों की मायूसी के बीच गहलोत सरकार का जश्न मनाया जा रहा है।
वसुंधरा पर फिर हमला:
विद्याधर नगर स्टेडियम में किसान सम्मेलन को संबोेिधत करते हुए गहलोत ने कहा कि मैं राजस्थान की जनता के आशीर्वाद से तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हंू। मैंने तीसरी बार के एक वर्ष के कार्यकाल में अनेक कल्याणकारी निर्णय लिए है। इसमें सबसे बड़ा फैसला किसानों की कर्ज माफी का है। गहलोत ने पूर्व सीएम और भाजपा की राष्टीय उपाध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे पर राजनीतिक हमला बोलते हुए कहा कि जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना था, तब वसुंधरा राजे ने मेरा मजाक उड़ाते हुए कहा था कि मैं दिल्ली सड़कों पर भीख मांग रहा हंू। असल में तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री और मैं राजस्थान की सहायता के लिए प्रधानमंत्री और केन्द्रीय मंत्रियों से मिलने दिल्ली गया था। राजस्थान की जनता के लिए यदि मुझे भीख भी मांगनी पड़े तो ऐतराज नहीं है। मैंने तब भी वसुंधरा राजे को कहा था कि मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए राजस्थान में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोएगां। भूख से मरने का तो सवाल ही नहीं उठता। गहलोत ने कहा कि वे जनसेवक के तौर पर मुख्यमंत्री के पद पर निर्वाह करते हैं।
एस.पी.मित्तल) (17-12-19)
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