चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के घमंडी व्यवहार से भी मुसीबत में है राजस्थान की गहलोत सरकार

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के घमंडी व्यवहार से भी मुसीबत में है राजस्थान की गहलोत सरकार। कोटा के मंत्री शांति धारीवाल भी चुप।
बच्चों की मौत पर इतनी ही संवेदनशीलता थी तो दुबई दौरा छोड़ कर कोटा के अस्पताल में क्यों नहीं आए?
सोनिया गांधी की नाराजगी के बाद आना पड़ा कोटा।
अजमेर में रघु शर्मा के पुतले की शव यात्रा निकाली। 

==============

कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की नाराजगी के बाद आखिर 3 जनवरी को राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को कोटा के उस जेके लोन अस्पताल में आना पड़ा, जिसमें एक माह में 105 बच्चों की मौत हो चुकी है। लाख कोशिश के बाद भी इस अस्पताल में रोजाना बच्चों की मौत हो रही है। बच्चों की मौत का एक कारण मौसम भी हो सकता है, लेकिन बच्चों की मौत पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार की मुसीबत का एक कारण प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का घमंडी व्यवहार भी है। बच्चों की मौत पर जब अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार चौतरफा घिरी हुई है, तब रघु शर्मा का व्यवहार घमंड से भरा है। लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि को जनता का सेवक माना जाता है, लेकिन रघु शर्मा को राजा महाराजा की तरह व्यवहार कर रहे हैं। रघु शर्मा के बयानों से गहलोत सरकार ज्यादा मुसीबत में है। राष्ट्रीय न्यूज चैनलों के एंकर और संवाददाताओं से रघु शर्मा जो व्यवहार कर रहे हैं उससे बच्चों की मौत पर उनकी संवेदनशील प्रकट नहीं होती। यही वजह है कि राष्ट्रीय मीडिया में बच्चों की मौत पर गहलोत सरकार की आलोचना हो रही है। रघु शर्मा को 105 बच्चों की मौत पर सरकार का बचाव विनम्रता के साथ करना चाहिए, लेकिन रघु शर्मा तो अपने स्वभाव के अनुरूप हमलावर नजर आते हैं। एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल के सीधे प्रसारण में तो रघु शर्मा ने गुस्से में ईयर फोन हटा कर बात करने से ही इंकार कर दिया। जानकारों की माने तो चिकित्सा विभाग के बड़े अधिकारी भी रघु शर्मा के व्यवहार से खुश नहीं है। जिस गुस्से में रघु शर्मा अपने विभाग के अधिकारियों से बात करते हैं, उससे अधिकारी पर मंत्री से बात करने से कतराते हैं। यानि रघु शर्मा को विभाग में जो सहयोग मिलना चाहिए वो भी नहीं मिल रहा है। कांग्रेस की राजनीति में कोटा के वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल की चुप्पी भी चर्चा का विषय बनी हुई है। 105 बच्चों की मौत की वजह से कोटा इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। धारीवाल को भी पता है कि चिकित्सा विभाग की वजह से कांग्रेस सरकार की बदनामी हो रही है, लेकिन धारीवाल  अपने ही गृह शहर की घटनाओं पर चुप है। धारीवाल की चुप्पी के पीछे भी रघु शर्मा का घमंडपूर्ण व्यवहार बताया जा रहा है। सवाल उठता है कि रघु शर्मा अपने व्यवहार से सरकार के लिए कितना बखेड़ा करेंगे? जहां तक रघु शर्मा की लाइफ स्टाइल का सवाल है तो उनका अपना अंदाज है। बच्चों की मौत को लेकर जब हंगामा हो रहा था, तब 22 से 26 दिसम्बर तक रघु शर्मा दुबई दौरे पर थे। यदि बच्चों की मौत पर गंभीरता होती तो दुबई का दौरान बीच में छोड़ा जा सकता था। कोटा के अस्पताल में जब बच्चों की मौत हो रही थी, तब चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सफारी वल्र्ड का आनंद ले रहे थे। वहीं मृतक बच्चों के माता-पिताओं का कहना है कि कोटा के संभाग स्तरीय सरकारी अस्पताल के शिशु वार्ड के दरवाजे और खिड़की भी टूटी है। दरवाजे के अभाव में खिड़की पर पर्दा लगाकर ठंडी हवाओं की रोका जा रहा है। अनेक माता पिता का कहना रहा कि अस्पताल में दवाएं तक नहीं है।
मौत के अस्पताल में मंत्री रघु के लिए ग्रीन कारपेट:
कोटा के जेके लोन अस्पताल मेंबच्चों की मौत के हालातों का जायजा लेने के लिए जब चिकित्सा एवं स्वास्थ मंत्री रघु शर्मा पहुंचे तो चिकित्सा अधिकारियों ने मंत्री आओ भगत में अस्पताल परिसर में ग्रीन कारपेट बिछवाया। ऐसा मंत्री के स्वभाव को ध्यान में रखते हुए किया गया। यह बात अलग है कि मंत्री रघु शर्मा और प्रताप सिंह खाचरियावास के दौरे के दौरान भी मृतक बच्चों के माता पिता अस्पताल परिसर में बिखलते देखे गए।
अजमेर में निकली मंत्री के पुतले की शवयात्रा:
कोटा के सरकार अस्पताल में लगातार हो रही बच्चों की मौत के विरोध में तीन जनवरी को अजमेर में भाजपा महिला मोर्चे की कार्यकर्ताओं ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के पुतले की शव निकाली। महिला मोर्चे की अध्यक्ष सीमा गोस्वामी के नेतृत्व में महिलाएं डाक बंगले के बाहर एकत्रित हुई और फिर पुतले की शव यात्रा को लेकर कलेक्ट्रेट पर पहुंची। महिला नेत्रियों का आरोप रहा कि बच्चों की मौत को लेकर सरकार संवेदनशील नहीं है। चिकित्सा मंत्री अपने स्वंभाव के अनुरूप व्यवहार कर रहे है, जिसकी वजह से कोटा के अस्पताल के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (03-01-2020)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
वाट्सएप ग्रुप से जोडऩे के लिए-8955240680
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...