पंचायतीराज विभाग की रिपोर्ट के बाद ही चौथे चरण के चुनाव की घोषणा होगी।
पंचायतीराज विभाग की रिपोर्ट के बाद ही चौथे चरण के चुनाव की घोषणा होगी।
ईवीएम से मतदान करवाना सभी के लिए फायदेमंद-पीएस मेहरा।
29 जनवरी को प्रदेश भर में पंचायतीराज चुनाव में तीसरे चरण का मतदान हुआ। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीएस मेहरा ने जयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर मतदान केन्द्रों का जायजा लिया। इस मौके पर पत्रकारों से संवाद करते हुए मेहरा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जो फैसला दिया है उसके मद्देनजर निर्वाचन विभाग में कार्यवाही हो रही है। मैंने चौथे चरण के मतदान के लिए संबंधित अधिकारियों से पांच फरवरी तक रिपोर्ट मांगी है। अभी पंचायतीराज विभाग की रिपोर्ट भी आनी है, जिन ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई है उनमें क्या नए सिरे से आवेदेन मांगे जाएंगे के सवाल पर मेहरा ने कहा कि अभी हम समीक्षा कर रहे हैं। अभी इस मद्दे पर कुछ भी कहा नहीं जा सकता। लेकिन हमारा प्रयास है कि चौथे चरण का मतदान जल्द से जल्द करवाया जावे। अभी पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के लिए लॉटरी की प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि पंचायती राज के चुनाव को लेकर निर्वाचन विभाग और प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सचिन पायलट के बीच मतभेद की स्थिति हो गई थी। इन्हीं मतभेदों और कुछ पंचायत समिति के पुर्नगठन को लेकर प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव एक साथ नहीं हो रहे है। निर्वाचन विभाग अभी सिर्फ सरपंच और वार्ड पंच पद के ही चुनाव करवा रहा है। इसमें भी हजारों ग्राम पंचायतों में चुनाव नहीं हो रहे हैं। माना जा रहा है कि चौथे चरण में शेष ग्राम पंचायतों, जिला परिषद तथा पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव करवाए जाएंगे। ऐसे में ग्रामीणों को चौथे चरण का बेसब्री से इंतजार है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल माह के दूसरे पखवाड़े में राजस्थान में पंचायतीराज के चुनाव करवाने के आदेश दिए है। कोर्ट के इसी आदेश में पंचायतीराज विभाग द्वारा पुर्नगठित पंचायत समिति की प्रक्रिया को भी सहमति दे दी गई है। यानि गत 15 नवम्बर के बाद जिन पंचायत समिति का पुर्नगठन हुआ अब उनमें भी चुनाव हो सकेंगे। हालांकि कोर्ट के इस आदेश के कई स्थानों पर नए सिरे से लॉटरी की प्रक्रिया हो रही है।
ईवीएम से मतदान का फायदा:
मतदान केन्द्रों का निरीक्षण करने के बाद मेहरा ने कहा कि ईवीएम से मतदान करवाने का सभी को फायदा है। मतदाता भी जल्द और आसानी से मतदान करता है। पूर्व में पंचायतीराज के चुनाव के समय निर्वाचन विभाग के कर्मचारियों को भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। सरपंच और वार्ड पंच के पद के लिए मतपत्र भी तैयार करवाने होते थे। ऐसे में कई दिन लगते थे, लेकिन अब एक दिन पहले ही मतदान कर्मी मतदान केन्द्र पर आते हैं और चुनाव की प्रक्रिया सम्पन्न करवाते हैं। इससे मतदान की पारदर्शिता भी बनी रहती है। मेहरा ने कहा कि प्रदेश में तीनों चरणों के चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए हैं। जहां तक कुछ स्थानों पर विवाद की घटनाएं सामने आई है, उसमें चुनाव प्रक्रिया को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ है। यह विवाद परिणाम के बाद हार जीत को लेकर हुआ है। ऐसी घटनाएं सामान्य है।
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