भारत इस्लामिक स्टेट होना चाहिए-शरजील इमाम।
भारत इस्लामिक स्टेट होना चाहिए-शरजील इमाम।
7 मार्च को उद्धव ठाकरे अयोध्या में मंदिर बनाएंगे तो हम बाबरी मस्जिद का निर्माण करेंगे-फरहान आजमी।
पीएम मोदी और गोडसे की विचारधारा एक सी है-राहुल गांधी।
शिवसेना राहुल के बयान से सहमत नहीं।
देशद्रोह के आरोप में दिल्ली की क्राइम ब्रांच के रिमांड पर रह रहे जेएनयू के छात्र शरजील इमाम ने कहा है कि भारत को इस्लामिक होना चाहिए। आसाम को भारत से अलग करने के भड़काऊ बयान पर शरजील को 29 जनवरी को ही बिहार से गिरफ्तार किया गया था। 30 जनवरी को पूछताछ में शरजील ने कहा कि वह अपने पूर्व के बयानों पर कायम है। पुलिस के पास उसके भाषणों के जो वीडियो है, वह उसी के हैं। जेल से बाहर निकलते ही वह दोबारा से ऐसे ही भाषण देगा। चूंकि हिन्दुस्तान में मुसलमानों के साथ गलत हो रहा है, इसलिए अब भारत को इस्लामिक राष्ट्र होना चाहिए। शरजील ने कहा कि उसे अपने बयानों पर कोई पछतावा नहीं है। उसने यह भी बताया कि शोध कार्य के लिए उसे 60 हजार रुपए प्रतिमाह की स्कॉलरशिप सरकार से मिल रही है। असल में शरजील को पता है कि देश विरोधी बातें कहने पर ही वह देश का बड़ा लीडर बनेगा, इसलिए उसे पुलिस रिमांड पर भी कोई डर नहीं है। उसे यह भी पता है कि थोड़े दिन में ही वह जेल से बाहर आ जाएगा और फिर चुनाव लड़कर विधायक, सांसद, मंत्री आदि भी बन जाएगा।
तो बाबरी मस्जिद का भी निर्माण होगा:
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी के पुत्र और विधायक फरहान आजमी ने कहा कि यदि 7 मार्च को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे अयोध्या में जाकर राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे तो मैं और मेरे साथी भी इसी दिन अयोध्या में बावरी मस्जिद का निर्माण करेंगे। मैं भी मुम्बई से उद्धव ठाकरे के साथ ही अयोध्या जाऊंगा। मालूम हो कि उद्धव ठाकरे से पूर्व में ही घोषणा कर रखी है कि वे सात मार्च को शिवसेना के सांसदों और विधायकों के साथ अयोध्या में जाकर मंदिर निर्माण का कार्य करेंगे। शिवसेना उन राजनीतिक दलों में से हैं जो अयोध्या में बावरी मस्जिद को गिराने का श्रेय लेती है। यह बात अलग है कि इन दिनों उद्धव ठाकरे की सरकार समाजवादी पार्टी के समर्थन से ही चल रही है। देखना होगा कि शिवसेना और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे किस प्रकार फरहान आजमी की चुनौती को स्वीकार करते हैं।
मोदी-गोडसे एक समान:
30 जनवरी को अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथुराम गोडसे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विचारधारा एक सी है। मोदी में इतनी हिम्मत नहीं कि वे गोडसे की विचारधारा को स्वीकार करे। तीस जनवरी को पूरे देश में महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। इस मौके पर राहुल गांधी का यह बयान राजनीतिक दृष्टि से बहुत मायने रखता है। असल में पीएम मोदी ने केन्द्र सरकार की कई योजनाएं खास कर स्वच्छता अभियान तो महात्मा गांधी के नाम से ही चलाया है। नरेन्द्र मोदी को महात्मा गांधी से अलग दिखाने के लिए ही राहुल गांधी ने गोडसे से तुलना की है। लेकिन वहीं शिवसेना ने राहुल गांधी के इस बयान पर असहमति जताई है। शिवसेना ने कहा कि राहुल गांधी को देश के बारे में सोचना चाहिए।
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